महोबा। बलात्कार की पीड़ित दलित महिला को एक माह बाद भी न्याय नहीं मिला। मुख्यालय के कचहरी परिसर पर परिवार के साथ महिला चौथे दिन भी क्रमिक अनशन पर बैठी रही। पीड़ित का आरोप है कि अपराधियाें के विरुद्ध पुलिस कार्रवाई करने से कतरा रही है। खुलेआम घूम रहे असरदार उसे जान की धमकी दे रहे हैं। लगातार चार दिन तक अनशन पर बैठने के बाद भी कोई भी प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा।
कोतवाली कुलपहाड़ के ग्राम बेलाताल निवासी बलात्कार पीड़ित दलित महिला सुनीता पत्नी राजू अनुरागी को एक माह गुजरने के बाद भी न्याय नहीं मिला। 25 अप्रैल को घर पर जब वह अकेली थी, उसका पति बाहर गया हुआ था तभी गांव के ही जुगल यादव उसके घर में घुस आया और तमंचा के बल पर जबरन जंगल की तरफ अगवा कर ले गया, जहां उसके साथ बलात्कार किया। पीड़ित महिला ने पति के साथ जाकर कोतवाली कुलपहाड़ में जुगल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इसके एक माह बाद भी पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया। खुलेआम घूम रहे अपराधियाें की धमकी से दहशतजदा महिला ने परिवार के साथ 30 मई को क्रमिक अनशन शुरू कर दिया। 2 जून को न्यायालय परिसर में महिला तीन छोटे पुत्राें और सास के साथ चौथे दिन भी अनशन पर बैठी रही। पीड़ित महिला सुनीता ने आरोप लगाया कि आरोपी की गिरफ्तारी न होने से वह आए दिन घर में आकर जान से मारने की धमकी दे रहा है और राजीनामा करने के लिए दबाव डाल रहा है। पुलिस को अवगत कराने के बाद भी समस्या का निराकरण न होने से मजबूर होकर अनशन पर बैठी है।