महोबा। ग्राम पंचायत पुन्निया में मनरेगा योजना के कार्य में हुई धांधली में जांच की विवेचना रिपोर्ट भेजने में लापरवाही बरतने पर न्यायालय ने एसडीएम चरखारी को तलब कर लिया है। एक माह बाद भी मामले की रिपोर्ट न भेजने पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उन्हें 4 जून को न्यायालय में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण मांगा है। न्यायालय ने जिलाधिकारी महोबा को भी मामले से अवगत कराया है।
ब्लाक चरखारी के ग्राम पंचायत पुन्निया में वर्ष 2010-11 में मनरेगा योजना के तहत हुई तालाब की खुदाई और अन्य निर्माण कार्यों में धांधली के मामले को न्यायालय ने गंभीरता से लिया है। पुन्निया के जगनंदन द्वारा दाखिल की गई याचिका पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने प्रकरण की संपूर्ण विवेचना कर उप जिलाधिकारी चरखारी से 20 जुलाई 2011 में नोटिस देते हुए 90 दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी थी। इस पर उप जिलाधिकारी स्तर से प्रकरण की रिपोर्ट नहीं दी गई। मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शैलेंद्र पांडेय ने उप जिलाधिकारी चरखारी को 10 दिनाें के अंदर विवेचना पूर्ण करके रिपोर्ट न्यायालय में दाखिल करने का आदेश दिया है। साथ ही विलंबता के लिए 4 जून को न्यायालय में तलब किया है। गौरतलब है कि वादी जगनंदन ने ग्राम प्रधान, सचिव और संविदा जेई द्वारा वित्तीय मामले में धांधली के साथ स्कूली छात्राें और गांव के स्कूल में तैनात रसोइया के परिजनाें और आबकारी ठेकेदार के नाम जाब कार्ड में कार्य दर्शाकर धनराशि हड़पने का मामला प्रशासन को भेजा था। कोई कार्रवाई न होने पर 20 जुलाई 2011 को न्यायालय की शरण ली थी।
महोबा। ग्राम पंचायत पुन्निया में मनरेगा योजना के कार्य में हुई धांधली में जांच की विवेचना रिपोर्ट भेजने में लापरवाही बरतने पर न्यायालय ने एसडीएम चरखारी को तलब कर लिया है। एक माह बाद भी मामले की रिपोर्ट न भेजने पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उन्हें 4 जून को न्यायालय में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण मांगा है। न्यायालय ने जिलाधिकारी महोबा को भी मामले से अवगत कराया है।
ब्लाक चरखारी के ग्राम पंचायत पुन्निया में वर्ष 2010-11 में मनरेगा योजना के तहत हुई तालाब की खुदाई और अन्य निर्माण कार्यों में धांधली के मामले को न्यायालय ने गंभीरता से लिया है। पुन्निया के जगनंदन द्वारा दाखिल की गई याचिका पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने प्रकरण की संपूर्ण विवेचना कर उप जिलाधिकारी चरखारी से 20 जुलाई 2011 में नोटिस देते हुए 90 दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी थी। इस पर उप जिलाधिकारी स्तर से प्रकरण की रिपोर्ट नहीं दी गई। मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शैलेंद्र पांडेय ने उप जिलाधिकारी चरखारी को 10 दिनाें के अंदर विवेचना पूर्ण करके रिपोर्ट न्यायालय में दाखिल करने का आदेश दिया है। साथ ही विलंबता के लिए 4 जून को न्यायालय में तलब किया है। गौरतलब है कि वादी जगनंदन ने ग्राम प्रधान, सचिव और संविदा जेई द्वारा वित्तीय मामले में धांधली के साथ स्कूली छात्राें और गांव के स्कूल में तैनात रसोइया के परिजनाें और आबकारी ठेकेदार के नाम जाब कार्ड में कार्य दर्शाकर धनराशि हड़पने का मामला प्रशासन को भेजा था। कोई कार्रवाई न होने पर 20 जुलाई 2011 को न्यायालय की शरण ली थी।