महोबा। सरकारी गेहूं क्रय केंद्राें में अब उधार में भी गेहूं खरीदने से केंद्र प्रभारी हाथ खड़े कर रहे हैं। भारतीय खाद्य निगम द्वारा एक करोड़ से अधिक का भुगतान न दिए जाने के कारण क्रय केंद्र पिछला बकाया अदा नहीं कर पा रहे हैं। परिणामत: कहीं धन तो कहीं बारदाना की कमी बताकर किसानाें को लौटाया जा रहा है। वहीं सरकारी खरीद केंद्राें की राह पर कृषक गेहूं लेकर रोजाना भागदौड़ कर रहे हैं।
जिले में स्थापित 19 क्रय केंद्राें में से अधिकतर में खरीद का काम ठप है। पिछली देनदारी का चुकता न कर पाने के कारण केंद्र प्रभारी कृषकाें का गेहूं खरीदने से कन्नी काट रहे हैं। गोदामाें में पर्याप्त भंडारण क्षमता होने के बावजूद बारदाना और धन का हवाला देकर कृषकाें को दो टूक जवाब दिया जा रहा है। जिले के क्रय केंद्राें में 1 अप्रैल से शुरू हुई खरीद के बाद भंडारित हुए गेहूं को मुख्य भंडार गृह तक पहुंचा दिया गया। क्रय केंद्राें के गोदाम में पर्याप्त जगह होने के बाद भी किसानाें की उपज नहीं खरीदी जा रही है। चरखारी के ग्राम गुढ़ा के कृषक रामरतन, चंद्रशेखर, अनघौरा के मुन्ना, बपरेथा के कल्लू ने बताया कि क्रय केंद्र में गेहूं ले जाने के बाद भी खरीद नहीं की जा रही है। मजबूरन वापस लौटकर उपज को बिचौलियाें और आढ़तियाें को घाटे में बेचना पड़ रहा है जिसका लाभ थोक आटा और मैदा कारोबार से जुड़े लोग भरपूर उठा रहे हैं। गेहूं का नमूना लेने के बाद झांसा में फांसकर बाजार के भाव से भी कम में गेहूं की खरीद कर रहे हैं। जहां कूड़ा करकट का हवाला देकर प्रति कुंतल पांच किलो तक कटौती करके उनकी मजदूरी का लाभ उठाया जा रहा है।
इसी तरह अजनर क्षेत्र के किसान जय सिंह, राजनारायण ने बताया कि यहां एक सप्ताह पहले गेहूं बेचा लेकिन धन के लिए कोई बंदोबस्त यहां नहीं है। चेक लेने के लिए रोजाना केंद्र तक दौड़ना पड़ रहा है।
इसी तरह पीसीएफ के क्रय केंद्र कुलपहाड़, चरखारी, पनवाड़ी, श्रीनगर, अजनर के साथ-साथ साधन सहकारी समिति के क्रय केंद्र चरखारी खरेला में भी कृषकाें को समय पर उपज विक्रय का भुगतान नहीं मिल पा रहा है। डीआरएमओ आरएस यादव ने बताया कि भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था है। खरीदे गए गेहूं को भारतीय खाद्य निगम को हस्तांतरित कर दिया गया है। खरीद का 1.24 करोड़ रुपए कृषकाें का बकाया है जिसका भुगतान भारतीय खाद्य निगम बिल पत्रावली भेजने के बावजूद नहीं कर रहा है जिसके चलते कृषकाें को केंद्राें तक भुगतान के लिए दौड़ना पड़ रहा है। इधर बारदाना की कमी भी खरीद में आड़े आ रही है। रात्रि तक 50 गांठ बारदाना जिले में पहुंच रहा है। केंद्राें में खरीद सरकार की मंशा के अनुरूप अब चलती रहेगी।
महोबा। सरकारी गेहूं क्रय केंद्राें में अब उधार में भी गेहूं खरीदने से केंद्र प्रभारी हाथ खड़े कर रहे हैं। भारतीय खाद्य निगम द्वारा एक करोड़ से अधिक का भुगतान न दिए जाने के कारण क्रय केंद्र पिछला बकाया अदा नहीं कर पा रहे हैं। परिणामत: कहीं धन तो कहीं बारदाना की कमी बताकर किसानाें को लौटाया जा रहा है। वहीं सरकारी खरीद केंद्राें की राह पर कृषक गेहूं लेकर रोजाना भागदौड़ कर रहे हैं।
जिले में स्थापित 19 क्रय केंद्राें में से अधिकतर में खरीद का काम ठप है। पिछली देनदारी का चुकता न कर पाने के कारण केंद्र प्रभारी कृषकाें का गेहूं खरीदने से कन्नी काट रहे हैं। गोदामाें में पर्याप्त भंडारण क्षमता होने के बावजूद बारदाना और धन का हवाला देकर कृषकाें को दो टूक जवाब दिया जा रहा है। जिले के क्रय केंद्राें में 1 अप्रैल से शुरू हुई खरीद के बाद भंडारित हुए गेहूं को मुख्य भंडार गृह तक पहुंचा दिया गया। क्रय केंद्राें के गोदाम में पर्याप्त जगह होने के बाद भी किसानाें की उपज नहीं खरीदी जा रही है। चरखारी के ग्राम गुढ़ा के कृषक रामरतन, चंद्रशेखर, अनघौरा के मुन्ना, बपरेथा के कल्लू ने बताया कि क्रय केंद्र में गेहूं ले जाने के बाद भी खरीद नहीं की जा रही है। मजबूरन वापस लौटकर उपज को बिचौलियाें और आढ़तियाें को घाटे में बेचना पड़ रहा है जिसका लाभ थोक आटा और मैदा कारोबार से जुड़े लोग भरपूर उठा रहे हैं। गेहूं का नमूना लेने के बाद झांसा में फांसकर बाजार के भाव से भी कम में गेहूं की खरीद कर रहे हैं। जहां कूड़ा करकट का हवाला देकर प्रति कुंतल पांच किलो तक कटौती करके उनकी मजदूरी का लाभ उठाया जा रहा है।
इसी तरह अजनर क्षेत्र के किसान जय सिंह, राजनारायण ने बताया कि यहां एक सप्ताह पहले गेहूं बेचा लेकिन धन के लिए कोई बंदोबस्त यहां नहीं है। चेक लेने के लिए रोजाना केंद्र तक दौड़ना पड़ रहा है।
इसी तरह पीसीएफ के क्रय केंद्र कुलपहाड़, चरखारी, पनवाड़ी, श्रीनगर, अजनर के साथ-साथ साधन सहकारी समिति के क्रय केंद्र चरखारी खरेला में भी कृषकाें को समय पर उपज विक्रय का भुगतान नहीं मिल पा रहा है। डीआरएमओ आरएस यादव ने बताया कि भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था है। खरीदे गए गेहूं को भारतीय खाद्य निगम को हस्तांतरित कर दिया गया है। खरीद का 1.24 करोड़ रुपए कृषकाें का बकाया है जिसका भुगतान भारतीय खाद्य निगम बिल पत्रावली भेजने के बावजूद नहीं कर रहा है जिसके चलते कृषकाें को केंद्राें तक भुगतान के लिए दौड़ना पड़ रहा है। इधर बारदाना की कमी भी खरीद में आड़े आ रही है। रात्रि तक 50 गांठ बारदाना जिले में पहुंच रहा है। केंद्राें में खरीद सरकार की मंशा के अनुरूप अब चलती रहेगी।