महोबा। जिले में बिजली की बेहिसाब कटौती पत्थर कारोबारियाें पर भारी पड़ गई। बिजली कटौती से परेशान होकर एक सैकड़ा क्रेशर व्यवसायियाें ने बिजली की निजी व्यवस्था कर ली है। वहीं छोटे कारोबारियाें ने भी इनवर्टर लगाकर कारोबार शुरू कर दिया है। बिजली कटौती से पेयजल आपूर्ति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इससे लोगाें को भारी दिक्कत का समाना करना पड़ रहा है।
जिले में बिजली की व्यवस्था चरमरा गई है। इससे उद्योग जगत पर भी खासा असर पड़ रहा है। सबसे ज्यादा इसका असर पत्थर व्यावसायिक नगरी कबरई में पड़ा है। बिजली न आने से बंदी की कगार पर पहुंच रहे पत्थर कारोबार को बचाने के लिए करीब एक सैकड़ा पत्थर कारोबारियाें ने 10 लाख रुपए कीमत के 100-150 केवीए क्षमता के जनरेटर लगा लिए है। इन जनरेटराें में प्रतिदिन 10 हजार रुपए का डीजल अतिरिक्त व्यय करना पड़ता है। शहर में बिजली कटौती से हालात बेहद खराब हो गए हैं। छोटे इलेक्ट्रानिक कारोबारियाें का धंधा बंद हो गया है जिससे मजबूरन उन्हें 12-15 हजार रुपए के इनवर्टर लेने पड़े। शहर के अलावा कबरई, चरखारी, कुलपहाड़ और बेलाताल में बिजली न आने से पेयजल संकट बढ़ गया है। बढ़ती पानी की समस्या को लेकर महोबा, श्रीनगर, ननौरा, कबरई और चरखारी क्षेत्र में बोरिंग कराई जा रही है। बोरिंग की मांग बढ़ जाने से 90 रुपए फुट के स्थान पर 140 रुपए फुट बोरिंग की जा रही है। बिजली कटौती से जनजीवन अस्त व्यस्त होकर रह गया है। गांधीनगर निवासी रवि त्रिपाठी, अनुराग दास, नयापुरा नैकाना निवासी दिनेश सक्सेना, भटीपुरा निवासी मूलचंद्र प्रजापति, डा. अजमल सगीर का कहना है कि बिजली की अंधाधुंध कटौती से जहां पेयजल आपूर्ति प्रभावित हो रही है, वहीं रातों की नींद हराम हो गई है।
बिजली कटौती से ग्रामीण बेहाल
बेलाताल (महोबा)। शासन के सख्त निर्देशाें के बाद भी बिजली विभाग के अधिकारी मनमाने ढंग से बिजली कटौती करने से बाज नहीं आ रहे हैं। बिजली कटौती से गर्मी में ग्रामीण बेहाल है जिससे ग्रामीणाें में विभाग के प्रति खासा आक्रोश व्याप्त है। कसबे के कौशलेंद्र राठौर, रघुवीर राठौर आदि का कहना है कि बिजली सब स्टेशन का कोई लाभ नहीं मिल रहा है। लो वोल्टेज व बिजली कटौती से निजात नहीं मिल रही है। दिन में भीषण गर्मी के बाद रात में भी बिजली न आने से दिक्कताें का सामना करना पड़ रहा है। घर में रखे कूलर, पंखे आदि तमाम बिजली से चलने वाले उपकरण बेमतलब साबित हो रहे हैं। अवर अभियंता शिवकुमार कुशवाहा का कहना है कि लो वोल्टेज की समस्या संपूर्ण मंडल में है। कटौती कंट्रोल रूम कानपुर पनकी से हो रही है। यहां से कोई कटौती या लो वोल्टेज की समस्या नहीं होती।
महोबा। जिले में बिजली की बेहिसाब कटौती पत्थर कारोबारियाें पर भारी पड़ गई। बिजली कटौती से परेशान होकर एक सैकड़ा क्रेशर व्यवसायियाें ने बिजली की निजी व्यवस्था कर ली है। वहीं छोटे कारोबारियाें ने भी इनवर्टर लगाकर कारोबार शुरू कर दिया है। बिजली कटौती से पेयजल आपूर्ति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इससे लोगाें को भारी दिक्कत का समाना करना पड़ रहा है।
जिले में बिजली की व्यवस्था चरमरा गई है। इससे उद्योग जगत पर भी खासा असर पड़ रहा है। सबसे ज्यादा इसका असर पत्थर व्यावसायिक नगरी कबरई में पड़ा है। बिजली न आने से बंदी की कगार पर पहुंच रहे पत्थर कारोबार को बचाने के लिए करीब एक सैकड़ा पत्थर कारोबारियाें ने 10 लाख रुपए कीमत के 100-150 केवीए क्षमता के जनरेटर लगा लिए है। इन जनरेटराें में प्रतिदिन 10 हजार रुपए का डीजल अतिरिक्त व्यय करना पड़ता है। शहर में बिजली कटौती से हालात बेहद खराब हो गए हैं। छोटे इलेक्ट्रानिक कारोबारियाें का धंधा बंद हो गया है जिससे मजबूरन उन्हें 12-15 हजार रुपए के इनवर्टर लेने पड़े। शहर के अलावा कबरई, चरखारी, कुलपहाड़ और बेलाताल में बिजली न आने से पेयजल संकट बढ़ गया है। बढ़ती पानी की समस्या को लेकर महोबा, श्रीनगर, ननौरा, कबरई और चरखारी क्षेत्र में बोरिंग कराई जा रही है। बोरिंग की मांग बढ़ जाने से 90 रुपए फुट के स्थान पर 140 रुपए फुट बोरिंग की जा रही है। बिजली कटौती से जनजीवन अस्त व्यस्त होकर रह गया है। गांधीनगर निवासी रवि त्रिपाठी, अनुराग दास, नयापुरा नैकाना निवासी दिनेश सक्सेना, भटीपुरा निवासी मूलचंद्र प्रजापति, डा. अजमल सगीर का कहना है कि बिजली की अंधाधुंध कटौती से जहां पेयजल आपूर्ति प्रभावित हो रही है, वहीं रातों की नींद हराम हो गई है।
बिजली कटौती से ग्रामीण बेहाल
बेलाताल (महोबा)। शासन के सख्त निर्देशाें के बाद भी बिजली विभाग के अधिकारी मनमाने ढंग से बिजली कटौती करने से बाज नहीं आ रहे हैं। बिजली कटौती से गर्मी में ग्रामीण बेहाल है जिससे ग्रामीणाें में विभाग के प्रति खासा आक्रोश व्याप्त है। कसबे के कौशलेंद्र राठौर, रघुवीर राठौर आदि का कहना है कि बिजली सब स्टेशन का कोई लाभ नहीं मिल रहा है। लो वोल्टेज व बिजली कटौती से निजात नहीं मिल रही है। दिन में भीषण गर्मी के बाद रात में भी बिजली न आने से दिक्कताें का सामना करना पड़ रहा है। घर में रखे कूलर, पंखे आदि तमाम बिजली से चलने वाले उपकरण बेमतलब साबित हो रहे हैं। अवर अभियंता शिवकुमार कुशवाहा का कहना है कि लो वोल्टेज की समस्या संपूर्ण मंडल में है। कटौती कंट्रोल रूम कानपुर पनकी से हो रही है। यहां से कोई कटौती या लो वोल्टेज की समस्या नहीं होती।