महोबा। रसोई गैस कनेक्शन लेने वालाें के लिए खुशखबरी है। अब गैस कनेक्शन लेते ही 50 लाख रुपए का बीमा कंपनियाें द्वारा किया जाता है। यदि किसी सिलेंडर से कोई हादसा होता है तो मुआवजा ले सकते हैं। लेकिन, गैस एजेंसी संचालक क्लेम के मामले बढ़ने की आशंका के चलते जानबूझकर इसकी जानकारी उपभोक्ताआें को नहीं देते। अखबाराें में पिछले दिनाें आई सूचना ने लोगाें का ध्यान अपनी ओर खींचा। हमारे पाठकाें के लिए यह काम की चीज है। इसलिए अमर उजाला ने इस बारे में विस्तृत जानकारी यहां प्रकाशित की है। पेट्रोलियम कंपनियाें में इंडेन, भारत गैस, एचपी गैस सहित अन्य गैस कंपनियाें ने उपभोक्ताआें के लिए देशभर में 100 करोड़ की पालिसी ले रखी है। इसका हर साल 5.25 करोड़ रुपए प्रीमियम जाता है। इसके अलावा 10 लाख का थर्ड पार्टी बीमा गैस एजेंसी कराती है। इसका हर साल करीब साढ़े चार हजार रुपए प्रीमियम अदा किया जाता है। लेकिन गैस संचालक जानकारी उपभोक्ताआें को नहीं देते। उन्हें आशंका रहती है कि मामूली दुर्घटना पर लोग क्लेम करने लगेेंगे। इससे उन्हें बार-बार कोर्ट कचेहरी के चक्कर लगाने पड़ेगे और उनका व्यवसाय भी प्रभावित होगा।
इंसेट
घरेलू कनेक्शन
19800 इंडियन आयल कारपोरेशन
5767 हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन
4000 भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन
इंसेट
व्यावसायिक कनेक्शन
178 इंडियन आयल कारपोरेशन
25 हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन
100 भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन
इंसेट
इंश्योरेंस
कनेक्शन वैध हो और रसीद पर सिलेंडर नंबर हो
रेगुलेटर और पाइप अधिकृत एजेंसी से ही खरीदें
समय-समय पर अधिकृत एजेंसी से रेगुलेटर और पाइप की जांच कराएं
इंसेट
इस तरह मिल सकता है मुआवजा
अधिवक्ता रामअवतार सिंह के मुताबिक, रसोई गैस दुर्घटना का एक्सीडेंट क्लेम की तरह ही मुकदमा दाखिल होता है। इस तरह के मुकदमाें में कोई कोर्ट फीस जमा नहीं करनी पड़ती है। सबूत के तौर पर उपभोक्ता के नाम पर कनेक्शन के कागजात और सिलेंडर डिलेवरी की रसीद ही पर्याप्त है।
इंसेट
बाले जिम्मेदार
अपर जिलाधिकारी एके द्विवेदी
नियमाें का पालन कराने की जिम्मेदारी पेट्रोलियम कंपनियाें की है। एक्ट में इसका प्रावधान है। इसलिए इस बारे में पेट्रोलियम कंपनियाें केा लिखकर एजेंसी संचालकाें को नोटिस बोर्ड पर सूचना लिखाना सुनिश्चत कराया जाएगा।
इंसेट
वैध कनेक्शन ही रखें
रसोई गैस का कनेक्शन लेने में काफी समय लगता है। राशन कार्ड पर कनेक्शन बुक होता है। इसलिए लोग ब्लैक में मिलते जुलते नाम से कनेक्शन ले लेते हैं। शहर में इस समय ऐसे करीब एक हजार अवैध कनेक्शन है। लेकिन ये लोग दुर्घटना होने पर मुआवजा नहीं पा सकते। इस लिए कनेक्शन वैध ढंग से ही लेना चाहिए। अवैध कनेक्शन वाले अपना कनेक्शन वैध करा सकते हैं। इसके लिए उन्हें पहले अपना कनेक्शन सरेंडर करना होगा। इसके बाद नया कनेक्शन लेना होगा। इसमें ज्यादा से ज्यादा एक डेढ़ हजार रुपए का खर्च आएगा। कनेक्शन सरेंडर करते समय सिलेंडर और रेगुलेटर सिक्योरिटी वापस होती है। इस तरह बढ़ी हुई सिलेंडर की कीमत और कनेक्शन का बढ़ा शुल्क देकर कनेक्शन वैध हो सकता है। इस समय सिलेंडर की सिक्योरिटी राशि 1250 और रेगुलेटर की 150 रुपए है।
दिक्कत पर करें शिकायत
इंडियन आयल कारपोरेशन 9415145091
हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन 9415389991
भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन 9450930348
महोबा। रसोई गैस कनेक्शन लेने वालाें के लिए खुशखबरी है। अब गैस कनेक्शन लेते ही 50 लाख रुपए का बीमा कंपनियाें द्वारा किया जाता है। यदि किसी सिलेंडर से कोई हादसा होता है तो मुआवजा ले सकते हैं। लेकिन, गैस एजेंसी संचालक क्लेम के मामले बढ़ने की आशंका के चलते जानबूझकर इसकी जानकारी उपभोक्ताआें को नहीं देते। अखबाराें में पिछले दिनाें आई सूचना ने लोगाें का ध्यान अपनी ओर खींचा। हमारे पाठकाें के लिए यह काम की चीज है। इसलिए अमर उजाला ने इस बारे में विस्तृत जानकारी यहां प्रकाशित की है। पेट्रोलियम कंपनियाें में इंडेन, भारत गैस, एचपी गैस सहित अन्य गैस कंपनियाें ने उपभोक्ताआें के लिए देशभर में 100 करोड़ की पालिसी ले रखी है। इसका हर साल 5.25 करोड़ रुपए प्रीमियम जाता है। इसके अलावा 10 लाख का थर्ड पार्टी बीमा गैस एजेंसी कराती है। इसका हर साल करीब साढ़े चार हजार रुपए प्रीमियम अदा किया जाता है। लेकिन गैस संचालक जानकारी उपभोक्ताआें को नहीं देते। उन्हें आशंका रहती है कि मामूली दुर्घटना पर लोग क्लेम करने लगेेंगे। इससे उन्हें बार-बार कोर्ट कचेहरी के चक्कर लगाने पड़ेगे और उनका व्यवसाय भी प्रभावित होगा।
इंसेट
घरेलू कनेक्शन
19800 इंडियन आयल कारपोरेशन
5767 हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन
4000 भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन
इंसेट
व्यावसायिक कनेक्शन
178 इंडियन आयल कारपोरेशन
25 हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन
100 भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन
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इंश्योरेंस
कनेक्शन वैध हो और रसीद पर सिलेंडर नंबर हो
रेगुलेटर और पाइप अधिकृत एजेंसी से ही खरीदें
समय-समय पर अधिकृत एजेंसी से रेगुलेटर और पाइप की जांच कराएं
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इस तरह मिल सकता है मुआवजा
अधिवक्ता रामअवतार सिंह के मुताबिक, रसोई गैस दुर्घटना का एक्सीडेंट क्लेम की तरह ही मुकदमा दाखिल होता है। इस तरह के मुकदमाें में कोई कोर्ट फीस जमा नहीं करनी पड़ती है। सबूत के तौर पर उपभोक्ता के नाम पर कनेक्शन के कागजात और सिलेंडर डिलेवरी की रसीद ही पर्याप्त है।
इंसेट
बाले जिम्मेदार
अपर जिलाधिकारी एके द्विवेदी
नियमाें का पालन कराने की जिम्मेदारी पेट्रोलियम कंपनियाें की है। एक्ट में इसका प्रावधान है। इसलिए इस बारे में पेट्रोलियम कंपनियाें केा लिखकर एजेंसी संचालकाें को नोटिस बोर्ड पर सूचना लिखाना सुनिश्चत कराया जाएगा।
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वैध कनेक्शन ही रखें
रसोई गैस का कनेक्शन लेने में काफी समय लगता है। राशन कार्ड पर कनेक्शन बुक होता है। इसलिए लोग ब्लैक में मिलते जुलते नाम से कनेक्शन ले लेते हैं। शहर में इस समय ऐसे करीब एक हजार अवैध कनेक्शन है। लेकिन ये लोग दुर्घटना होने पर मुआवजा नहीं पा सकते। इस लिए कनेक्शन वैध ढंग से ही लेना चाहिए। अवैध कनेक्शन वाले अपना कनेक्शन वैध करा सकते हैं। इसके लिए उन्हें पहले अपना कनेक्शन सरेंडर करना होगा। इसके बाद नया कनेक्शन लेना होगा। इसमें ज्यादा से ज्यादा एक डेढ़ हजार रुपए का खर्च आएगा। कनेक्शन सरेंडर करते समय सिलेंडर और रेगुलेटर सिक्योरिटी वापस होती है। इस तरह बढ़ी हुई सिलेंडर की कीमत और कनेक्शन का बढ़ा शुल्क देकर कनेक्शन वैध हो सकता है। इस समय सिलेंडर की सिक्योरिटी राशि 1250 और रेगुलेटर की 150 रुपए है।
दिक्कत पर करें शिकायत
इंडियन आयल कारपोरेशन 9415145091
हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन 9415389991
भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन 9450930348