कबरई (महोबा)। बुंदेलखंड की एकमात्र पत्थर मंडी कबरई के क्रेशर प्लांटों को डीएम और प्रदूषण नियंत्रण विभाग के निर्देशों का पालन करना बवाल-ए-जान बन गया है। प्रशासन द्वारा नियत डेड लाइन के अंदर कैसे पानी के फव्वारे चलेंगे, मंडी में उद्यमियों के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ गई हैं।
कबरई पत्थर मंडी में दो सौ से अधिक स्टोन क्रेशर प्लांट हैं जहां शाम को धूल और प्रदूषण अधिक होता है जिससे सड़क पर फैली धुंध के कारण चलना भी मुश्किल होता है। डीएम ने कबरई मंडी में बढ़ते डस्ट प्रदूषण को गंभीरता से लिया और क्रेशर मालिकों व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियाें के साथ बैठक ली जिसमें प्रदूषण नियंत्रण के उपायों पर विस्तार से पिछले पखवारे चर्चा की गई। डीएम के निर्देश पर कबरई के गहोई धर्मशाला में पिछले सप्ताह प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी रामगोपाल और क्रेशर यूनियन के बीच समझौता वार्ता हुई थी। इसमें सभी व्यापारियों ने सर्वसम्मति से तय किया था कि हर हाल में क्रेशर प्लांटों के डस्ट के हापा को टीन शेड से आच्छादित किया जाएगा और पूरा प्लांट टीन शेड से आच्छादित होगा। साथ ही हर हाल में हर प्लांट को पानी के फव्वारे को चलाना होगा जिससे धूल प्रदूषण को रोका जा सके। इसके लिए 28 मई तक फव्वारे लगाने की सहमति बनी थी। बैठक में 28 मई के बाद औचक निरीक्षण की बात भी रामगोपाल ने कही थी। उन्होंने कहा था कि यदि फव्वारे चलते नहीं पाए गए तो क्रेशर प्लांट सील किए जाएंगे। हर हाल में प्रदूषण रोकने के मुकम्मल इंतजाम उद्यमियों को करने हाेंगे। अब 28 मई निकट आ रही है। अभी तक एक भी प्लांट में फव्वारा चलते या उसकी फिटिंग होते नहीं देखा गया। आखिर कैसे तीन दिन में पत्थर मंडी संचालक फव्वारे चलाकर प्लांट में पानी के छिड़काव की व्यवस्था कर सकेंगे और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी अपने ही समझौते पर अनुपालन न होने पर क्या वास्तव में कोई सख्त कदम उठाएंगे। इस पर हर व्यापारी और नागरिकों की निगाहें लगी हुई हैं।
क्रेशर मालिकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनके पानी के बोर जवाब दे गए हैं। पानी का भूगर्भ जल स्तर काफी नीचे चला गया है। पानी आम श्रमिकों को पीने को तो मिल नहीं पाता, ऐसी स्थिति में फव्वारा चलाना मुश्किल हो गया है। टैंकरों से कहीं कहीं प्लांट के एप्रोच रोड पर पानी की छिड़काव जरूर किया जा रहा है।
उद्यमियों ने उठाई पाइप लाइन बिछाने की मांग
dlअमर उजाला ब्यूरो
कबरई (महोबा)। क्रेशर यूनियन के अध्यक्ष छोटे राजा ने कहा कि पानी के फव्वारा चलाने और डस्ट के स्थान पर पानी का छिड़काव करने के लिए भरपूर पानी की जरुरत पड़ती है भीषण गर्मी में पानी की किल्लत अधिक है प्रशासन यदि क्रेशर उद्योग की तरफ पानी की पाइप लाइन बिछा दे और हर प्लांट को कनेक्शन दे दे तो आए दिन पानी की समस्या दूर हो जाएगी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेशों का अक्षरश: पालन भी हो जाएगा। उन्होंने कहा कि करोड़ों रुपए राजस्व देने के बाद भी उन्हें पानी बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था नहीं मिलती।