श्रीनगर (महोबा)। जल निगम द्वारा विभाग के पाइप लाइन तोड़कर पिपरमेंट की फसल की सिंचाई करने वाले किसानाें के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने का मामला अभी ठंडा नहीं हो पाया था कि अब बिजली विभाग ने बिना कनेक्शन, चोरी से मोटर चलाने वाले चार किसानाें को पकड़ लिया और उनसे आठ हजार रुपए शमन शुल्क लेकर मौके पर छोड़ दिया। विभाग की यह कार्रवाई लोगाें के गले नहीं उतर रही है कि बिजली चोरी करते पकड़े गए लोगाें के खिलाफ विभाग ने रिपोर्ट दर्ज क्याें नहीं कराई। उधर ननौरा व चितैयन गांव में कटिया डालकर बिजली चोरी कर रहे चार ग्रामीणाें के खिलाफ अवर अभियंता ने रिपोर्ट दर्ज कराई है।
33 केबी पावर स्टेशन के प्रभारी अवर अभियंता एमपी सिंह ने संविदा कर्मी विश्वनाथ, शिवकुमार, अश्विनी तिवारी और मनीष गुप्ता के साथ इमिलिया व अतरारमाफ गांव के पिपरमेंट किसानाें के कुआें पर छापामार कार्रवाई की और पिपरमेंट की फसल की सिंचाई करते हुए इमिलिया गांव में मनोहर, रामसनेही, पन्नालाल और अतरारमाफ गांव के महेंद्र पटैरिया को रंगे हाथाें बिजली का मोटर अवैध रूप से चलाते हुए पकड़ लिया लेकिन विभाग ने बिजली चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराए बिना इन किसानाें से दो-दो हजार रुपए लेकर शमन शुल्क लेकर इतिश्री कर ली और उनके मोटर व डोरी वापस कर दिए। विभाग द्वारा इन किसानाें के खिलाफ की गई छोटी सी कार्रवाई लोगाें के गले नहीं उतर रही है। ग्रामीण विभाग को शक की नजर से देख रहे हैं जबकि इसी टीम द्वारा ग्राम ननौरा एवं चितैयन में कटिया डालकर घरेलू बिजली जला रहे चार लोगाें के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी। पकड़े गए लोगाें में ननौरा गांव के प्रदीप पुत्र रामकुमार और चितैयन के शंकर पुत्र छविलाल, वीर सिंह पुत्र मुन्ना व कल्लू पुत्र कुंज शामिल हैं।
अवर अभियंता एमपी सिंह का कहना है कि किसान एक-एक हार्स पावर के मोटर चला रहे थे। उसका एक माह का सम्मन शुल्क दो हजार रुपए बनता था। उसी के अनुसार जुर्माना वसूला गया और किसानाें को छोड़ दिया। उधर गांव के ग्रामीणाें का आरोप है कि विभाग के लोग अवैध वसूली कर खुद मोटर चलवाते हैं और दिखावे के लिए यह कार्रवाई की गई है। जिससे लोग शंका न कर सकें। उनका कहना था कि सात लोगाें के मोटर पकड़े गए थे और चार के खिलाफ ही कार्रवाई की गई है।