महोबा। पेट्रोल की कीमताें में इजाफा होने से बुधवार की शाम को पेट्रोल पंप पर भारी भीड़ जुटी। उधर पेट्रोल पंप संचालकाें ने भी भीड़ बढ़ती देख प्रति ग्राहक को एक लीटर ही पेट्रोल देना शुरू कर दिया जबकि अन्य पेट्रोल पंपाें ने पेट्रोल की बिक्री ही बंद कर दी। वर्ष 2008 में पेट्रोल की कीमत 47 रुपए प्रति लीटर थी।
बुधवार को दोपहर के बाद अचानक पेट्रोल की कीमताें में प्रति लीटर 7.5 रुपए की वृद्धि होने के कारण लोगाें की पेट्रोल पंप पर भीड़ जुटना शुरू हो गई। 69.62 रुपए प्रति लीटर बिकने वाले पेट्रोल की कीमत बढ़कर 77.12 रुपए पहुंच गई। पेट्रोल के मूल्याें में यह ऐतिहासिक वृद्धि हुई है। इससे पहले कभी भी एक साथ 7.5 रुपए प्रति लीटर में वृद्धि नहीं हुई। बेतहाशा पेट्रो पदार्थों की कीमताें में हुई वृद्धि से आम नागरिकाें में गुस्सा है। टेलीविजन में पेट्रोल की कीमत बढ़ी देख दोपहर से ही पेट्रोल के खरीददाराें की भीड़ जमा हो गई।
पेट्रोल कीमताें की वृद्धि से लोगाें में गुस्सा
महोबा। पेट्रोल की कीमत में हुई ऐतिहासिक वृद्धि से आम लोगाें में खासा गुस्सा है। राजनीतिक दलाें और बुद्धिजीवियाें ने पेट्रोल की कीमताें में हुई वृद्धि को गलत बताते हुए उसे वापस लेने की मांग की। भाजपा जिलाध्यक्ष चक्रपाणि त्रिपाठी और पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल की कीमताें में अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रही है। इससे आम आदमी का बजट गड़बड़ा गया है। बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष मोहम्मद शाहिद सिद्दीकी और पसमांदा समाज के जिलाध्यक्ष मोहम्मद कलीम ने कहा कि चार साल में पेट्रोल की कीमताें में डेढ़ गुना वृद्धि हुई है। इसका असर मध्यम वर्ग के लोगाें पर पड़ा है। सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अजयराज यादव ने भी पेट्रोल वृद्धि को जनविरोधी बताते हुए उसे वापस लिए जाने की मांग की है।