महोबा। फायर स्टेशन महोबा में मेन पावर की भारी कमी है। चंद कर्मचारियाें से जिले भर की आग की घटनाआें में आग बुझाने के लिए काम लिया जाता है। 21 पुलिस कर्मचारियाें के सापेक्ष 15 पुलिस कर्मी हैं। तीन हेड कांस्टेबलाें के सापेक्ष एक हेड कांस्टेबल हैं। दो एफएसएसओ के स्थान पर कोई एफएसएसओ नहीं हैं। तीन चालकाें के सापेक्ष एक चालक है।
हाइडेंटाें पर लाखाें खर्च के बाद भी नहीं मिला लाभ
महोबा। वर्ष 1994 से जिले में तेजी से नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्राें में पाइप लाइन योजनाआें का विस्तार हुआ। इसके मद्देनजर खरेला, कबरई, खन्ना, पनवाड़ी, ग्योड़ी, चरखारी, महोबा, कुलपहाड़, अजनर, श्रीनगर, बेलाताल सहित ग्रामीण क्षेत्राें में पाइप लाइन बिछाने के साथ जल निगम द्वारा गांव और नगर क्षेत्र में फायर हाइडेंट लगाए गए थे लेकिन सभी हाइडेंट जमींदोज हो गए। इससे आग लगने पर हाइडेंटाें का कोई लाभ नहीं मिला जबकि शासन ने फायर हाइडेंट पर लाखाें रुपए व्यय किया। इसके बावजूद आज भी फायर ब्रिगेड मशीनाें में नलकूपाें से पानी भरा जाता है।