महोबा। चकबंदी विभाग की अनियमितताआें से भड़के किसान जिलाधिकारी की चौखट तक पहुंच गए। धारा 23 के प्रकाशन की अधूरी प्रक्रिया के बावजूद चकाें की नाप किए जाने और उड़ान चकाें के नापने से खफा किसानाें ने सोमवार को जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया। कृषकाें का कहना था कि चकबंदी विभाग अनियमितताएं करके कृषकाें को तबाह कर असरदाराें को लाभ पहुंचा रहा है।
श्रीनगर में चल रही चकबंदी प्रक्रिया के दौरान नापे जा रहे चकाें में भारी अनियमितताआें को देखते हुए किसानाें का गुस्सा फूट पड़ा। ढाई सौ से अधिक कृषकाें ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर चकबंदी प्रक्रिया में की जा रही धांधली की जांच कराते हुए कृषकाें के हित में शुरुआती दौर से प्रक्रिया अपनाए जाने की मांग की। कृषक नाथूराम यादव, नूर मोहम्मद, महेश चंद्र, प्रमोद दीक्षित, पप्पू नरवरिया, प्रेमनारायण गंगेले आदि कृषकाें ने जिलाधिकारी को दिए शिकायती पत्र में कहा कि सहायक बंदोबस्त अधिकारी स्तर से चक आवंटन का कार्य चल रहा है जबकि धारा 23 के प्रकाशन के अभिलेख भी अधूरे हैं। किसानाें का कहना था कि चकबंदी विभाग के अधिकारी चक आवंटन में मनमाने ढंग से मूल जोत, कुआं, पेड़, बगीचा को हटाकर गैर कानूनी तरीके से दूसरे के नाम में शामिल करके नाप कर रहे हैं। निहित स्वार्थों के लिए मनमाने तरीके से चक काटकर कृषकाें की मालियत में भी व्यापक हेराफेरी की गई है। मुख्य सड़क के चक अधिकतर दबंगाें को दे दिए। किसानाें के उड़ान चक नापे जा रहे हैं जायज फसल उगाने वाले कृषकाें को मूल जोत से बेदखल करके कम मालियत की जमीन अन्य जगहाें पर नापी जा रही है। कृषकाें ने चकबंदी प्रक्रिया की जांच कराते हुए नए स्तर से चकबंदी प्रक्रिया कराने की मांग उठाई है। कृषकाें की शिकायत पर जिलाधिकारी डा. काजल ने आश्वासन देते हुए कहा कि मामले की गहन जांच कराई जाएगी। दोषी पाए जाने वाले कर्मचारी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होगी। उन्हाेंने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर से प्रस्ताव पारित कर भेजा जाए।