महोबा। आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन ने तीन सूत्रीय मांगाें को लेकर शहर में जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया और पुरानी कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचकर धरना दिया। तेज धूप के बाद भी शिक्षामित्राें की खासी भीड़ जुटी।
शिक्षामित्राें को शिक्षक पद पर समायोजित किए जाने सहित तीन मांगाें को लेकर सोमवार को शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष गाविंद सिंह, जिला महामंत्री राकेश सक्सेना के नेतृत्व में रैन बसेरा से जुलूस निकाला गया। जुलूस दौरान शिक्षामित्र तेज धूप की परवाह किए बिना नारेबाजी करते हुए चल रहे थे। शिक्षामित्राें में खासा उत्साह नजर आ रहा था। जुलूस प्राइवेट बस स्टैंड, तहसील चौराहा, आल्हा चौक, रोडवेज तिराहा, पीपीएन चौराहा सहित मुख्य मार्गों से होता हुआ पुरानी कलेक्ट्रेट पहुंचा जहां पर शिक्षामित्राें ने धरना दिया।
धरने को संबोधित करते हुए राष्ट्र्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष बेनीप्रसाद ने कहा कि शिक्षामित्राें की जायज मांगाें के लिए लड़ी जाने वाली लड़ाई में वह पूरा सहयोग करेंगे। जिलाध्यक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि तेजी से बढ़ रही महंगाई के बाद भी शिक्षामित्राें को वही पुराना मानदेय दिया जा रहा है। जिससे उनका परिवार आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा है। उन्हाेंने कहा कि शिक्षकाें के साथ दिन भर शिक्षण कार्य कराने के बाद भी उन्हें शिक्षकाें से आधा भी वेतन नहीं मिलता। कोषाध्यक्ष भगतराम ने कहा कि शिक्षामित्राें के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्हाेंने शिक्षामित्राें को शिक्षक पद पर समायोजित किए जाने की बात कही। धरना उपरांत शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी को सौंपा। ज्ञापन में बताया कि बेसिक शिक्षा कार्यालय द्वारा भुगतान सीधे शिक्षामित्राें के व्यक्तिगत खाताें में भेजे जाने, महंगाई को देखते हुए शिक्षामित्राें को 1 जुलाई 2012 से अप्रशिक्षित वेतनमान दिए जाने और विद्यालयाें में कार्यरत सभी शिक्षामित्राें को अध्यापक बनाए जाने की मांग की गई। धरना देने वाले शिक्षामित्राें में राजेश पाठक, मंगला प्रसाद, सुजान सिंह, सुनीता सोनी, मुबीना खातून, विनोद पटैरिया, ब्रजेश राजपूत, उमा देवी, अंजुम, स्वालेहा, बीना सोनी, परमलाल सहित तमाम शिक्षामित्र मौजूद रहे।