महोबा। पुलिस अधीक्षक आनंद राव कुलकर्णी ने बढ़ते अपराधों पर नाराजगी जताते हुए थानाध्यक्षों को अपराधों पर अंकुश लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि थानाध्यक्ष अपने-अपने क्षेत्र में पुलिस कर्मचारियों को सजग करें। जिससे घटनाआें पर रोक लगाई जा सके। उन्होंने मुख्यमंत्री के आदेशों के बाबत थानाध्यक्षों को अवगत कराया। रविवार को पुलिस लाइन सभागार में पुलिस अधीक्षक कुलकर्णी ने पुलिस अधिकारियों और थानाध्यक्षों की क्राइम मीटिंग के दौरान कहा कि थानाध्यक्ष बीट को सक्रिय करें और हर फरियादी की प्राथमिकता के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की जाए। इसमें किसी भी तरह की हीलाहवाली बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कहा कि लंबित विवेचनाआें का समय से निस्तारण करें और रंगरूटों को अपने उत्तरदायित्व के प्रति जानकारी दें। जिससे वह बेहतर तरीके से कार्य करें। उन्होंने कहा कि आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों पर नजर रखी जाए। बैठक में अपर पुलिस अधीक्षक अजय कुमार मिश्रा, सीओ सिटी अशोक कुमार, कोतवाली प्रभारी मनोज कौशिक, कोतवाली प्रभारी चरखारी श्रीप्रकाश, थानाध्यक्ष श्रीनगर प्रवीण कुशवाहा, थानाध्यक्ष पनवाड़ी नयन सिंह यादव, थानाध्यक्ष अजनर भास्कर मिश्रा, पीआरओ दीपक पांडेय सहित सभी पुलिस अधिकारी व थानाध्यक्ष मौजूद रहे।
लोक अदालत में 303 वादों का निस्तारण
dlअमर उजाला ब्यूरो
महोबा। रविवार को सिविल जज जूनियर डिवीजन परिसर में आयोजित मेगा लोक अदालत में जनपद न्यायाधीश लक्ष्मी श्ांकर साहू ने कहा कि कचहरी की अनावश्यक भागदौड़ से बचने का सस्ता और सुलभ न्याय पाने का तरीका लोक अदालतों में निहित होता है। जिससे हर वादी धन और समय की बचत कर सकता है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव राकेश वर्मा ने बताया कि राजस्व के 15 वाद, 278 लघु अपराधिक वाद 278, उत्तराधिकार के 04, दीवानी बाद 01, के अलावा अन्य प्रकृति के 05 वादों का निस्तारण किया गया। इसके अतिरिक्त लघु अपराधिक वादों में 52 हजार 700 रुपए अर्थदंड के रुप में वसूले गए। साथ ही उत्तराधिकार के मामलों 368695 के प्रमाण पत्र जारी किए गए। सीजेएम द्वारा 126 अपराधिक वादों, सिविल जजों द्वारा भी दो दर्जन से अधिक वादों का निस्तारण किया गया। जिले की तहसीलों में मौजूद उप जिलाधिकारियों ने 15 राजस्व वादों का निस्तारण किया। इस मौके पर राजीव भारती प्रथम अपर जिला जज, रामसागर एडीजे द्वितीय, कृपाशंकर शर्मा एडीजे एक्स कैडर, शैलेंद्र पांडेय सीजेएम, हरिश्चंद्र सिविल जज सीनियर डिवीजन सहित तमाम वकील और वादकारी मौजूद रहे।
‘रामनाम ही जीवन का आधार’
dlअमर उजाला ब्यूरो
महोबा। राम नाम ही जीवन का आधार है। रामनाम में जो सुख है, वह विलासिता में नहीं। संसार के सारे पदार्थों को त्यागकर राम नाम का रस लेना चाहिए।
यह बात कबीर अमृतवाणी सत्संग समिति के तत्वावधान में कबीर आश्रम में हुए सत्संग में पं. मेवालाल परदेसी ने कही। कहा कि जो सुख साधु संग में है, वह सुख बैकुंठ में भी नहीं है। वीरभूमि महाविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. एलसी अनुरागी ने कहा कि राम नाम माता-पिता, स्वामी सबकुछ है। स. इंद्रजीत सिंह, कंछेदीलाल पुरवार, रामअवतार व सीताराम सोनी ने भजन सुना श्रोताआें को भाव विभोर कर दिया। इस दौरान मंगीलाल साहू, किशोरदादा, गिरीश श्रीवास्तव, कमलापत, साध्वी सुनीता मौजूद रहीं।
उधर, शहर के लक्ष्मी पैलेस में आयोजित निरंकारी सत्संग में रमाकांत धुरिया ने कहा कि साबुन का उच्चारण करने से कपड़े नहीं धुलते, लाखों वर्षों तक अंधेरे से आगे भगाते रहने से भी अंधेरा नहीं जाता। जब तक मनुष्य को अपनी मंजिल की पहचान नहीं होती, वह अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच सकता। कहा कि परमात्मा को तत्व रूप में जाने बिना मुक्ति संभव नहीं है। इस दौरान यदुनाथ सिंह, सुमेथा कश्यप, क्रांतिरंजन चौरसिया आदि ने गीत प्रस्तुत किए। संचालन के रामबाबू ने किया।