कबरई (महोबा)। अब क्रेशर मालिकाें की मनमानी नहीं चलेगी। उन्हें अनिवार्यत: प्रदूषण नियंत्रण नियमाें का पालन करना होगा वरना प्लांट बंद कर दिए जाएंगे। प्रदूषण नियमाें की अनदेखी उन्हें भारी पड़ेगी। यह बात उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी रामगोपाल ने कही।
शुक्रवार को गहोई धर्मशाला में आयोजित क्रेशर मालिकाें की बैठक में श्री रामगोपाल ने कहा कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में पिछले पखवारे हुई व्यापारियाें की बैठक में आम सहमति से लिए गए निर्णय को लागू करने की बात पर जोर डाला। उन्हाेंने कहा कि हर स्टोन क्रेशर मालिक को बरसात के मौसम में 200 पेड़ अनिवार्यत: लगाकर हरित पट्टी बनानी पड़ेगी। हर क्रेशर प्लांट को पानी के छिड़काव के लिए फव्वारा प्लांट के ऊपर चलाना अनिवार्य होगा। हर प्लांट को 28 मई के पूर्व प्रदूषण नियंत्रण के उपाय करने हाेंगे। निर्धारित तिथि के बाद प्लांटाें की जांच होगी। साथ ही फव्वारा न चलाने पर प्लांट बंद कराए जाएंगे।
क्रेशर यूनियन के राजनाथ राय ने कहा कि सर्वसम्मति से तय हुआ है कि दिन रात के बीच एक समय शाम 6 से 9 बजे तक बिजली कटौती प्लांटाें में लागू कराने के लिए डीएम डा. काजल से वार्ता होगी। ताकि शाम को होने वाले धूल प्रदूषण को रोका जा सके। चूंकि इसी समय धूल प्रदूषण अधिक होता है। क्रेशर यूनियन के उपाध्यक्ष रघुराज सिंह ने कहा कि डीएम के निर्देश पर मंडी में दस हजार पौधरोपण कराया जाएगा। साथ ही डस्ट का हापा (डस्ट गिरने वाला स्थान) एवं प्लांट को टीनशेड से कवर्ड किया जाएगा ताकि प्रदूषण रुक सके। प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी रामगोपाल ने बताया कि नियमाें की अनदेखी के चलते मंडी के ओम साईंराम पहरा, भद्रकाली पहरा, समता कबरई, शोभा मिनरल सहित छह प्लांट पिछले छह माह पूर्व सीज किए गए थे। बैठक में वसीम अहमद, प्रदीप अग्रवाल, कंधीलाल यादव, देवेंद्र शिवहरे, दिनेश गुप्ता, गुड्डू राय, सूरज गुप्ता, गोपालदत्त पांडेय, नासिर अली सहित एक सैकड़ा क्रेेशर व्यापारी मौजूद रहे।
कबरई (महोबा)। अब क्रेशर मालिकाें की मनमानी नहीं चलेगी। उन्हें अनिवार्यत: प्रदूषण नियंत्रण नियमाें का पालन करना होगा वरना प्लांट बंद कर दिए जाएंगे। प्रदूषण नियमाें की अनदेखी उन्हें भारी पड़ेगी। यह बात उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी रामगोपाल ने कही।
शुक्रवार को गहोई धर्मशाला में आयोजित क्रेशर मालिकाें की बैठक में श्री रामगोपाल ने कहा कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में पिछले पखवारे हुई व्यापारियाें की बैठक में आम सहमति से लिए गए निर्णय को लागू करने की बात पर जोर डाला। उन्हाेंने कहा कि हर स्टोन क्रेशर मालिक को बरसात के मौसम में 200 पेड़ अनिवार्यत: लगाकर हरित पट्टी बनानी पड़ेगी। हर क्रेशर प्लांट को पानी के छिड़काव के लिए फव्वारा प्लांट के ऊपर चलाना अनिवार्य होगा। हर प्लांट को 28 मई के पूर्व प्रदूषण नियंत्रण के उपाय करने हाेंगे। निर्धारित तिथि के बाद प्लांटाें की जांच होगी। साथ ही फव्वारा न चलाने पर प्लांट बंद कराए जाएंगे।
क्रेशर यूनियन के राजनाथ राय ने कहा कि सर्वसम्मति से तय हुआ है कि दिन रात के बीच एक समय शाम 6 से 9 बजे तक बिजली कटौती प्लांटाें में लागू कराने के लिए डीएम डा. काजल से वार्ता होगी। ताकि शाम को होने वाले धूल प्रदूषण को रोका जा सके। चूंकि इसी समय धूल प्रदूषण अधिक होता है। क्रेशर यूनियन के उपाध्यक्ष रघुराज सिंह ने कहा कि डीएम के निर्देश पर मंडी में दस हजार पौधरोपण कराया जाएगा। साथ ही डस्ट का हापा (डस्ट गिरने वाला स्थान) एवं प्लांट को टीनशेड से कवर्ड किया जाएगा ताकि प्रदूषण रुक सके। प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी रामगोपाल ने बताया कि नियमाें की अनदेखी के चलते मंडी के ओम साईंराम पहरा, भद्रकाली पहरा, समता कबरई, शोभा मिनरल सहित छह प्लांट पिछले छह माह पूर्व सीज किए गए थे। बैठक में वसीम अहमद, प्रदीप अग्रवाल, कंधीलाल यादव, देवेंद्र शिवहरे, दिनेश गुप्ता, गुड्डू राय, सूरज गुप्ता, गोपालदत्त पांडेय, नासिर अली सहित एक सैकड़ा क्रेेशर व्यापारी मौजूद रहे।