महोबा। जिला अस्पताल में गुरुवार को तीन माह के बच्चे की उपचार दौरान मौत हो गई। इस पर परिजनाें ने हो-हल्ला मचाया और जिलाधिकारी से शिकायत कर आरोप लगाया कि बच्चे को अटेंड न करने के कारण उसकी मौत हो गई है। मौके पर पहुंची जिलाधिकारी डा. काजल ने मृत बच्चे के परिजनाें और मरीजाें से पूछताछ कर मामले की जांच ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सदर नितीश कुमार को सौंप दी। साथ ही बच्चे का पोस्टमार्टम कराए जाने की बात कही है।
कसबा कबरई निवासी शीलू अपने पति रामऔतार के साथ तीन माह के बच्चे को गुरुवार को दोपहर 12 बजे जिला अस्पताल ले गई। बेहोशी हालत में लाए गए बच्चे का डा. राकेश कुमार ने इलाज शुरू कर दिया। इलाज के 20 मिनट बाद बच्चे की मौत हो गई। बच्चे की मौत से परिजन भड़क गए और हो-हल्ला मचाने लगे। बाद में जिलाधिकारी को फोन कर अस्पताल की घटना के बाबत अवगत कराया। जिला अस्पताल में बच्चे की मौत के मामले को डीएम ने गंभीरता से लेते हुए अस्पताल पहुंचकर परिजनाें से बात की। परिजनाें ने बच्चे की ठीक तरह से देखरेख न किए जाने और तत्काल उपचार न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि डाक्टराें के देखरेख न करने के कारण उसकी मौत हो गई। इस पर डीएम ने मामले की जांच ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को सौंप दी। डीएम ने कहा कि पोस्टमार्टम के रिपोर्ट के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। पोस्टमार्टम के आदेश होने पर मृत बच्चे के माता-पिता लाश लेकर घर चले गए।
डा. राकेश कुमार का कहना है कि बच्चे को तत्काल भर्ती कर उसका इलाज किया गया लेकिन उसकी हालत काफी नाजुक थी। कई दिनाें से बीमार बच्चे को आज अस्पताल लाया गया। उधर मुख्य चिकित्साधीक्षक डा. अर्जुन सिंह का कहना है कि बच्चा बेहोशी हालत में अस्पताल लाया गया था। परिजनाें को पहले ही उसकी हालत नाजुक होने की जानकारी दे दी गई थी। उन्हाेंने कहा कि इलाज के 20 मिनट बाद बच्चे की मौत हो गई।