श्रीनगर (महोबा)। श्रीनगर की चकबंदी प्रक्रिया में विभागीय कर्मचारियाें द्वारा किसानाें के चक में की गई धांधली की परतें धीरे-धीरे खुलने लगी हैं जिससे किसानाें में रोष व्याप्त है। ऐसे ही मामले की शिकायत दलित कृषकाें ने जिलाधिकारी से की है। इसमें आरोप है कि सुविधा शुल्क न देने पर कुआं व पेड़ अन्य कृषकाें के चक में कर दिए।
कसबे के मोहल्ला घटियापुरा में दलित किसान रामप्रसाद, जगोला, भगवानदास, रामदयाल, गौरीबाई आदि ने जिलाधिकारी को दिए शिकायती पत्र में बताया कि उनका खेत गाटा संख्या 4/90 में रकबा 0.958 हेक्टेयर व 4/90/1 में रकबा 0.008 हेक्टेयर में चार बबूल के पेड़ और पिता द्वारा खेत में खुदवाया गया कूप एवं दो पक्के कमरे बने थे। इसे चकबंदी विभाग के कानूनगो व लेखपाल ने विपक्षियाें से सांठगांठ कर उनके चकाें में दर्ज कर दिए और चकाें की निशानदेही कर दी। पत्र में बताया गया है कि इसी से परिवार का जीविकोपार्जन चलता था। साथ ही बताया कि कर्मचारियाें ने सुविधा शुल्क की मांग की थी लेकिन न देने पर चकाें को गड़बड़ कर दिया। कृषकाें का कूप चले जाने से उनमें रोष व्याप्त है। पत्र में ग्रामीणाें ने इसकी जांच कराए जाने की मांग की है। जिलाधिकारी डा. काजल ने विभाग द्वारा की गई धांधली को देखते हुए किसानाें को कार्रवाई का आश्वासन दिया है। सहायक बंदोबस्त अधिकारी ओपी दोहरे का कहना है कि पीड़िताें द्वारा जो शिकायत की जा रही है। वह बेबुनियाद है यदि उन्हें लगता है कि उनके चकाें को दूसरी जगह स्थानांतरित किया गया है तो वह निगरानी दायर कर सकते हैं।