महोबा। जिले में बनाए गए क्रय केंद्राें पर न बारदाना है और न खरीद के लिए पैसा है। इससे किसानाें को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। इतना ही नही तीन दिन तक खरीद केंद्राें पर किसानाें के डेरा जमाने के बाद भी बिक्री नहीं हो रही है जिससे किसान खरीद केंद्राें पर आने में तौबा कर रहे हैं।
जिले में पीसीएफ, मंडी समिति और साधन सहकारी समितियाें के 19 गेहूं क्रय केंद्र बनाए गए हैं। क्रय केंद्र जिले की तीनाें तहसीलाें में अलग-अलग स्थानाें पर बनाए गए हैं जिससे किसान नजदीक के क्रय केंद्राें पर गेहूं की बिक्री कर सकें। सरकार ने प्रति कुंतल कीमत 1285 रुपए निर्धारित की है लेकिन न तो क्रय केंद्राें पर पैसा पहुंच रहा है और न बारदाना है। मंगलवार को मंडी समिति चरखारी के एक क्रय केंद्र पर एक हजार बोरे पहुंचे जो उसी दिन खत्म हो गए। आज ग्रामीण बिक्री के लिए ट्रैक्टर लेकर पहुंच गए और दिन भर खड़े रहे जबकि मंडी समिति चरखारी के दूसरे क्रय केंद्र पर पैसा और बारदाना दोनाें खत्म हो गया। कई क्रय केंद्राें से उठान न होने से केंद्र प्रभारियाें ने खरीददारी ठप कर दी है। वहीं केंद्र प्रभारियाें द्वारा लाखाें रुपए की उधार खरीद कर लिए जाने से किसान अब भुगतान के लिए खरीद केंद्राें के चक्कर लगा रहे हैं।
अजनर प्रतिनिधि के अनुसार क्रय केंद्राें पर बढ़ रही मारामारी के चलते मंगलवार को जिला सहायक निबंधक हृदयराम वर्मा ने खरीद केंद्र अजनर का निरीक्षण किया। जहां पर किसानाें ने उन्हें घेर लिया और खरीद में किए जा रहे भेदभाव पर नाराजगी जताई। किसानाें ने कहा कि चेहरा देखकर अनाज की खरीद की जा रही है। श्री वर्मा ने कहा कि किसानाें की समस्याआें का जल्द निस्तारण किया जाएगा। उन्हाेंने सीरियल से किसानाें के अनाज की खरीद किए जाने के निर्देश दिए।
महोबा। जिले में बनाए गए क्रय केंद्राें पर न बारदाना है और न खरीद के लिए पैसा है। इससे किसानाें को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। इतना ही नही तीन दिन तक खरीद केंद्राें पर किसानाें के डेरा जमाने के बाद भी बिक्री नहीं हो रही है जिससे किसान खरीद केंद्राें पर आने में तौबा कर रहे हैं।
जिले में पीसीएफ, मंडी समिति और साधन सहकारी समितियाें के 19 गेहूं क्रय केंद्र बनाए गए हैं। क्रय केंद्र जिले की तीनाें तहसीलाें में अलग-अलग स्थानाें पर बनाए गए हैं जिससे किसान नजदीक के क्रय केंद्राें पर गेहूं की बिक्री कर सकें। सरकार ने प्रति कुंतल कीमत 1285 रुपए निर्धारित की है लेकिन न तो क्रय केंद्राें पर पैसा पहुंच रहा है और न बारदाना है। मंगलवार को मंडी समिति चरखारी के एक क्रय केंद्र पर एक हजार बोरे पहुंचे जो उसी दिन खत्म हो गए। आज ग्रामीण बिक्री के लिए ट्रैक्टर लेकर पहुंच गए और दिन भर खड़े रहे जबकि मंडी समिति चरखारी के दूसरे क्रय केंद्र पर पैसा और बारदाना दोनाें खत्म हो गया। कई क्रय केंद्राें से उठान न होने से केंद्र प्रभारियाें ने खरीददारी ठप कर दी है। वहीं केंद्र प्रभारियाें द्वारा लाखाें रुपए की उधार खरीद कर लिए जाने से किसान अब भुगतान के लिए खरीद केंद्राें के चक्कर लगा रहे हैं।
अजनर प्रतिनिधि के अनुसार क्रय केंद्राें पर बढ़ रही मारामारी के चलते मंगलवार को जिला सहायक निबंधक हृदयराम वर्मा ने खरीद केंद्र अजनर का निरीक्षण किया। जहां पर किसानाें ने उन्हें घेर लिया और खरीद में किए जा रहे भेदभाव पर नाराजगी जताई। किसानाें ने कहा कि चेहरा देखकर अनाज की खरीद की जा रही है। श्री वर्मा ने कहा कि किसानाें की समस्याआें का जल्द निस्तारण किया जाएगा। उन्हाेंने सीरियल से किसानाें के अनाज की खरीद किए जाने के निर्देश दिए।