महोबा। नगर पालिका परिषद चरखारी में बगैर अभिलेख पूर्ति के बनाए गए 14 ठेकेदार गले की फांस बन गए हैं। शपथपत्र देकर एक माह के अंतराल में कागजी पूर्ति का हवाला देने वाले ठेकेदार अब हाथ नहीं आ रहे हैं। अंतिम अवधि व्यतीत होने के बाद पालिका महकमा पशोपेश में है। इधर ठेकेदारी का लाइसेंस पा चुके ठेकेदार टेंडर डालने का दम भर रहे हैं।
चरखारी नगर पालिका परिषद में ठेकेदारी के लिए पंजीकरण की अंतिम तिथि 15 अप्रैल को 20 ठेकेदाराें ने ठेकेदारी पंजीकरण को आवेदन किए थे जिसमें छह ठेकेदाराें ने आवश्यक कागजी कोरम संपूर्ण करके आवेदन जमा किए। इसके अलावा 14 ठेकेदाराें ने ठेकेदारी का आवेदन करने के साथ एक शपथ पत्र देकर माह भर के अंदर समस्त कागज पूर्ति करने की बात रखकर पंजीकरण करा लिया। नगर पालिका प्रशासन ने भी संपूर्ण अभिलेख जमा कराए बगैर ही उन 14 ठेकेदाराें से पंजीकरण की पांच हजार रुपए शुल्क की रसीद काटकर थमा दी। इससे वह ठेकेदारी के हकदार बन गए। शपथ पत्र संलग्न करने वाले 14 ठेकदारों ने अब तक अभिलेख जमा नहीं किए जबकि एक माह व्यतीत हो चुका है। अभिलेख जमा न करने के मामले पर पालिका प्रशासन भी पशोपेश में है।
उधर निर्माण कार्यों की निविदा जारी होने के बाद मांगी जाने वाली निविदाआें पर आधे अधूरे कागज लगाकर ठेकेदार बने लोग भी दावा ठाेंकने की बात कह रहे हैं जिससे पालिका महकमा पशोपेश में उलझा है। उसके दबाव बनाने के बावजूद भी कागजी औपचारिकताएं पूरी नहीं कर रहे हैं। अधिशासी अभियंता शिवजी पांडेय का कहना है कि शपथ पत्र जमाकर्ता के मुताबिक अवधि व्यतीत हो गई है। पालिका के निर्माण कार्यों की निविदा उन्हें विक्रय नहीं की जाएंगी चूंकि ठेकेदारी पंजीकरण का मामला साल भर के लिए होता है। जब तक कागज की संपूर्ण पूर्ति नहीं की जाएगी, वह कार्य पाने के हकदार नहीं हाेंगे।