महोबा। चंदेल कालीन सरोवरोें के अब जल्द ही दिन बहुरेंगे। कारण, जिलाधिकारी ने चंदेल कालीन सरोवर मदन सागर के सौंदर्यीकरण के लिए पहल तेज कर दी है। इतना ही नहीं शनिवार को जिलाधिकारी ने मदन सागर तालाब का जायजा लिया।
वर्षों से उपेक्षित पड़े चंदेल कालीन सरोवरों में कई फिट सिल्ट जमा हो जाने के कारण उनकी गहराई खत्म हो गई है जिससे जल भंडारण क्षमता कम हो गई है। तालाब के किनारे सीढ़ीनुमा बने घाट जीर्णशीर्ण हो गए हैं। तालाब के किनारे निवास करने वाले लोगाें ने सेप्टिक टैंक और गंदी नालियाें का पानी तालाब में डाल दिया है। इसके चलते पानी प्रदूषित हो गया है जबकि इसी मदन सागर सरोवर से पानी की आपूर्ति की जाती है। इसी तालाब में लोग प्रतिदिन शौचक्रिया के लिए जाते हैं। जानवराें और पशुआें को पानी में नहलाया धुलाया जाता है। आज तक इन तालाबाें के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण की पूर्व के अधिकारियाें ने सुध नहीं ली। जिलाधिकारी डा. काजल ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद महोबा के पर्यटक स्थलाें और चंदेल कालीन सरोवराें के सौंदर्यीकरण का निर्णय लिया है।
इसके मद्देनजर सिंचाई विभाग को मदन सागर सरोवर की जलकुंभी हटाने और सीवर लाइन निकालने के लिए टेंडर निकालने के निर्देश दिए थे। इस पर सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने टेंडर निकालकर 19 मई तक टेंडर जमा करने की तिथि निर्धारित की है।
मदन सागर सरोवर जलकुंभी से पटा पड़ा है। सरोवर का पानी जलकुंभी तेजी से सोखती है।
इससे हर साल गर्मी में मदन सागर 90 फीसदी से ज्यादा सूख जाता है और शहर में पानी की दिक्कत बढ़ जाती है। पेयजल समस्या बहाल रखने और तालाब की जलकुंभी सफाई कराने के लिए प्रक्रिया शुरू करा दी गई है। इतना ही नहीं जिलाधिकारी ने शनिवार को मदन सागर सरोवर का जायजा लिया।
महोबा। चंदेल कालीन सरोवरोें के अब जल्द ही दिन बहुरेंगे। कारण, जिलाधिकारी ने चंदेल कालीन सरोवर मदन सागर के सौंदर्यीकरण के लिए पहल तेज कर दी है। इतना ही नहीं शनिवार को जिलाधिकारी ने मदन सागर तालाब का जायजा लिया।
वर्षों से उपेक्षित पड़े चंदेल कालीन सरोवरों में कई फिट सिल्ट जमा हो जाने के कारण उनकी गहराई खत्म हो गई है जिससे जल भंडारण क्षमता कम हो गई है। तालाब के किनारे सीढ़ीनुमा बने घाट जीर्णशीर्ण हो गए हैं। तालाब के किनारे निवास करने वाले लोगाें ने सेप्टिक टैंक और गंदी नालियाें का पानी तालाब में डाल दिया है। इसके चलते पानी प्रदूषित हो गया है जबकि इसी मदन सागर सरोवर से पानी की आपूर्ति की जाती है। इसी तालाब में लोग प्रतिदिन शौचक्रिया के लिए जाते हैं। जानवराें और पशुआें को पानी में नहलाया धुलाया जाता है। आज तक इन तालाबाें के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण की पूर्व के अधिकारियाें ने सुध नहीं ली। जिलाधिकारी डा. काजल ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद महोबा के पर्यटक स्थलाें और चंदेल कालीन सरोवराें के सौंदर्यीकरण का निर्णय लिया है।
इसके मद्देनजर सिंचाई विभाग को मदन सागर सरोवर की जलकुंभी हटाने और सीवर लाइन निकालने के लिए टेंडर निकालने के निर्देश दिए थे। इस पर सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने टेंडर निकालकर 19 मई तक टेंडर जमा करने की तिथि निर्धारित की है।
मदन सागर सरोवर जलकुंभी से पटा पड़ा है। सरोवर का पानी जलकुंभी तेजी से सोखती है।
इससे हर साल गर्मी में मदन सागर 90 फीसदी से ज्यादा सूख जाता है और शहर में पानी की दिक्कत बढ़ जाती है। पेयजल समस्या बहाल रखने और तालाब की जलकुंभी सफाई कराने के लिए प्रक्रिया शुरू करा दी गई है। इतना ही नहीं जिलाधिकारी ने शनिवार को मदन सागर सरोवर का जायजा लिया।