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महोबा। गुरु गोरखनाथ की तपोस्थली गोखारगिरि की परिक्रमा श्रद्धा और भक्ति भाव के माहौल में हुई। पुरुषों, महिलाआें और वृद्धाें ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। शिवतांडव मंदिर में आयोजित सत्संग में भजन सुनकर श्रोता भाव विभोर हो गए।
गोखारगिरि परिक्रमा समिति के तत्वावधान में रविवार को गोखारगिरि की परिक्रमा शिवतांडव मंदिर से शुरू हुई। परिक्रमा पठवा के बाल हनुमान, रामजानकी मंदिर, संत कबीर आश्रम, छोटी चंद्रिका, नागौरिया मंदिर, कालभैरव मंदिर होती हुई शिवतांडव मंदिर पहुंचकर संपन्न हुई। परिक्रमा दौरान श्रद्धालु रामधुन गाते चल रहे थे। परिक्रमा के बाद मंदिर में पं. मेवालाल परदेसी के नेतृत्व में हवन पूजन और सत्संग का आयोजन किया गया।
पं. मेवालाल परदेसी ने कहा कि विनम्रता और शीलता में तीनाें लोकाें की संपदा का वास होता है। इसलिए मनुष्य को गरीबाें की सेवा के दौरान विनम्रता का का परिचय देना चाहिए। वह रविवार को संत कबीर अमृतवाणी सत्संग समिति के तत्वावधान में आयोजित कबीर अमृतवाणी सत्संग में बोल रहे थे। कार्यक्रम में वीरभूमि राजकीय महाविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. एलसी अनुरागी ने देव कहें अपनी अपना अवलोकन तीर्थराज चलो रे सुनाया। प्रमोद सक्सेना ने रचना अब चित चेत चलो गोखारगिरि सुनाई। सत्संग के बाद पूर्व प्रधानाचार्य शिवकुमार गोस्वामी की अध्यक्षता में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। उन्हाेंने कहा गोखारगिरि में जड़ी बूटियाें का भंडार है। इसलिए यहां आयुर्वेदिक महाविद्यालय खोला जाना चाहिए। सुरेश पुरवार ने कहा शिवतांडव मंदिर से सिद्धबाबा स्थान तक श्रमदान द्वारा मार्ग बनाया जाना चाहिए। आशीष पुरवार, एमपी भदौरिया, सीताराम शुक्ला, आशीष पुरवार, प्रधानाचार्य गौरीशंकर तिवारी आदि मौजूद रहे।
महोबा। गुरु गोरखनाथ की तपोस्थली गोखारगिरि की परिक्रमा श्रद्धा और भक्ति भाव के माहौल में हुई। पुरुषों, महिलाआें और वृद्धाें ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। शिवतांडव मंदिर में आयोजित सत्संग में भजन सुनकर श्रोता भाव विभोर हो गए।
गोखारगिरि परिक्रमा समिति के तत्वावधान में रविवार को गोखारगिरि की परिक्रमा शिवतांडव मंदिर से शुरू हुई। परिक्रमा पठवा के बाल हनुमान, रामजानकी मंदिर, संत कबीर आश्रम, छोटी चंद्रिका, नागौरिया मंदिर, कालभैरव मंदिर होती हुई शिवतांडव मंदिर पहुंचकर संपन्न हुई। परिक्रमा दौरान श्रद्धालु रामधुन गाते चल रहे थे। परिक्रमा के बाद मंदिर में पं. मेवालाल परदेसी के नेतृत्व में हवन पूजन और सत्संग का आयोजन किया गया।
पं. मेवालाल परदेसी ने कहा कि विनम्रता और शीलता में तीनाें लोकाें की संपदा का वास होता है। इसलिए मनुष्य को गरीबाें की सेवा के दौरान विनम्रता का का परिचय देना चाहिए। वह रविवार को संत कबीर अमृतवाणी सत्संग समिति के तत्वावधान में आयोजित कबीर अमृतवाणी सत्संग में बोल रहे थे। कार्यक्रम में वीरभूमि राजकीय महाविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. एलसी अनुरागी ने देव कहें अपनी अपना अवलोकन तीर्थराज चलो रे सुनाया। प्रमोद सक्सेना ने रचना अब चित चेत चलो गोखारगिरि सुनाई। सत्संग के बाद पूर्व प्रधानाचार्य शिवकुमार गोस्वामी की अध्यक्षता में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। उन्हाेंने कहा गोखारगिरि में जड़ी बूटियाें का भंडार है। इसलिए यहां आयुर्वेदिक महाविद्यालय खोला जाना चाहिए। सुरेश पुरवार ने कहा शिवतांडव मंदिर से सिद्धबाबा स्थान तक श्रमदान द्वारा मार्ग बनाया जाना चाहिए। आशीष पुरवार, एमपी भदौरिया, सीताराम शुक्ला, आशीष पुरवार, प्रधानाचार्य गौरीशंकर तिवारी आदि मौजूद रहे।