ललितपुर। नगर के मुख्य मार्गों का डामर ही नहीं, गली मुहल्लों की सीसी सड़कें एवं पेवर ब्रिक्स की सड़कें बारिश में जवाब दे गई हैं। पानी से जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। इससेवाहन चालकों के साथ ही राहगीरों को भी परेशानियाें का सामना करना पड़ रहा है।
बारिश में नगर के मुख्य मार्गों का डामर छिलके की तरह उतर गया है। वहीं, अनेक जगह पेवर ब्रिक्स पानी में मिट्टी की तरह घुल कर गड्ढों का रूप लेते जा रहे हैं। कमोवेश यही स्थिति सीसी सड़कों की है। गली मुहल्लों में सीसी सड़कों पर गड्ढे हो गए हैं। नेहरू नगर रेलवे पुल के सामने पेवर ब्रिक्स की सड़क में बड़ा गड्ढा होने से उसमें पानी भर गया है। बच्चे इस गड्ढे में खिलौने तैराकर मनोरंजन कर रहे हैं। वर्णी चौराहा से गोविंद सागर बांध की ओर जाने वाली सड़क पर भी ऐसा ही नजारा है। सीसी रोड के गड्ढे से वाहन चालकों को निकलना मुश्किल हो रहा है। कई वाहन चालक इसमें फंसकर चुटहिल हो चुके हैं। नेहरू नगरवासियों ने जिलाधिकारी से सड़कों की गुणवत्ता की जांच कराने की मांग की है। उधर, प्रबुद्ध वर्ग के लोगों का कहना है कि सड़कें डालते समय ठेकेदारों की जवाबदेही तय होनी चाहिए। साथ ही गुणवत्ताविहीन सड़कें बनाने वाले ठेकेदार व अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।
ललितपुर। नगर के मुख्य मार्गों का डामर ही नहीं, गली मुहल्लों की सीसी सड़कें एवं पेवर ब्रिक्स की सड़कें बारिश में जवाब दे गई हैं। पानी से जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। इससेवाहन चालकों के साथ ही राहगीरों को भी परेशानियाें का सामना करना पड़ रहा है।
बारिश में नगर के मुख्य मार्गों का डामर छिलके की तरह उतर गया है। वहीं, अनेक जगह पेवर ब्रिक्स पानी में मिट्टी की तरह घुल कर गड्ढों का रूप लेते जा रहे हैं। कमोवेश यही स्थिति सीसी सड़कों की है। गली मुहल्लों में सीसी सड़कों पर गड्ढे हो गए हैं। नेहरू नगर रेलवे पुल के सामने पेवर ब्रिक्स की सड़क में बड़ा गड्ढा होने से उसमें पानी भर गया है। बच्चे इस गड्ढे में खिलौने तैराकर मनोरंजन कर रहे हैं। वर्णी चौराहा से गोविंद सागर बांध की ओर जाने वाली सड़क पर भी ऐसा ही नजारा है। सीसी रोड के गड्ढे से वाहन चालकों को निकलना मुश्किल हो रहा है। कई वाहन चालक इसमें फंसकर चुटहिल हो चुके हैं। नेहरू नगरवासियों ने जिलाधिकारी से सड़कों की गुणवत्ता की जांच कराने की मांग की है। उधर, प्रबुद्ध वर्ग के लोगों का कहना है कि सड़कें डालते समय ठेकेदारों की जवाबदेही तय होनी चाहिए। साथ ही गुणवत्ताविहीन सड़कें बनाने वाले ठेकेदार व अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।