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लखीमपुर खीरी: अजय मिश्र के बेटे आशीष की जमानत याचिका वापस, आवेदन में थीं खामियां

संवाद न्यूज एजेंसी, लखीमपुर खीरी Published by: अनुराग सक्सेना Updated Mon, 20 Dec 2021 03:10 PM IST
सार

तिकुनिया कांड में नामजद मुख्य आरोपी आशीष मिश्र मोनू की ओर से बीते शुक्रवार को बदली हुई धाराओं में जमानत अर्जी सीजेएम अदालत में पेश की गई थी।

Lakhimpur Kheri: Ajay Mishra's son Ashish's bail plea returned, there were flaws in the application
आशीष मिश्र - फोटो : अमर उजाला - फाइल फोटो

विस्तार

लखीमपुर के तिकुनिया हिंसा मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा मोनू की जमानत अर्जी नॉट प्रेस यानी आरोपी के वकील की तरफ से सुनवाई पर बल न देने के कारण खारिज हो गई है। इसके अलावा अंकित दास समेत हत्या के पांच अन्य आरोपियों की भी जमानत अर्जी नॉट प्रेस हुई, क्योंकि वे पुरानी धाराओं में दाखिल थी। जिला जज मुकेश मिश्र ने सोमवार को सभी छह जमानत अर्जियों को खारिज कर दिया।



तिकुनिया हिंसा कांड मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्र मोनू की ओर से बदली गईं धाराओं के तहत दाखिल की गई नई जमानत अर्जी पर सोमवार को जिला जज अदालत में सुनवाई थी। डीजीसी अरविंद त्रिपाठी की ओर से आपत्ति उठाई गई कि दूसरी जमानत अर्जी में इस बात का स्पष्ट विवरण नहीं है कि आशीष मिश्र मोनू की कोई जमानत याचिका किसी अदालत में लंबित है या नहीं। 


वहीं आशीष मिश्र के अधिवक्ता अवधेश सिंह ने अदालत को बताया कि आशीष मिश्र मोनू की ओर से नई धाराओं में जमानत अर्जी पेश की गई है। उन्होंने कोई तथ्य नहीं छुपाया है। दोनों पक्ष सुनने के बाद जिला जज अदालत में हाईकोर्ट के समक्ष लंबित जमानत याचिका के बारे में विस्तार से और स्पष्ट विवरण पेश करने का निर्देश दिया गया। इसके चलते वरिष्ठ अधिवक्ता अवधेश सिंह ने आशीष मिश्र मोनू की दूसरी जमानत अर्जी नॉट प्रेस कर दी।

वहीं जिला जज मुकेश मिश्र की अदालत में अंकित दास, लतीफ उर्फ काले, सत्यम त्रिपाठी, नंदन सिंह बिष्ट सहित पांच हत्यारोपी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेंद्र सिंह गौड़ ने बताया कि जमानत अर्जी पुरानी धाराओं के तहत दाखिल की गई थी। अब नई धाराओं के चलते केस में बदलाव किया गया है इसलिए अब इन पांच जमानत अर्जियों पर बल नहीं दिया जा रहा है। जिन्हें दोबारा दाखिल करने की अनुमति के साथ नॉट प्रेस कर दिया गया है। जिला जज मुकेश मिश्र ने सभी जमानत अर्जियां बिना कोई टिप्पणी पारित किए निरस्त कर दी हैं।

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