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लखीमपुर खीरी। जिले की नौ चीनी मिलों ने गन्ना आयुक्त के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए 31 दिसंबर 2012 तक खरीदे गए गन्ना मूल्य का भुगतान किसानों को नहीं किया है। जबकि चीनी मिलों को इस तिथि का भुगतान हर हाल में 15 जनवरी 2013 तक करना था। लिहाजा जिला गन्ना अधिकारी जगदीश चंद्र यादव ने सभी मिलों के अध्यासी/प्रधान प्रबंधकों को नोटिस जारी किए हैं, जिसमें तत्काल भुगतान न करने पर उत्पादित चीनी स्टाक को प्रशासनिक अभिरक्षा में लेने की चेतावनी भी दी है।
बता दें कि पेराई सत्र 2012-13 के गन्ना मूल्य तथा विकास कमीशन का भुगतान करने के संबंध में गन्ना आयुक्त ने 15 जनवरी 2013 तक का समय दिया था। इस अवधि में चीनी मिलों को 31 दिसंबर 2012 तक का भुगतान करना था, लेकिन मिलों ने निर्धारित अवधि में भुगतान नहीं किया। इस पर जिलाधिकारी मनीष चौहान और जिला गन्ना अधिकारी जगदीश चंद्र यादव ने सभी मिल अधिकारियों के साथ 17 जनवरी 2012 को बैठक कर शीघ्र ही गन्ना किसानों को भुगतान के निर्देश दिए थे। साथ ही निर्देश थे कि बैंकों के साथ अनुबंध कर पर्याप्त धनराशि की सीसीएल स्वीकृत कराई जाए और 31 दिसंबर तक अविलंब भुगतान कर अवगत कराएं। इसके बाद ऐरा और संपूर्णानगर चीनी मिलों को छोड़कर अन्य मिलों ने 24 दिसंबर 2012 तक खरीदे गन्ने का भुगतान किया है। गन्ना विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो सूचना तिथि से 14 दिन पूर्व तक का करीब 870.63 करोड़ किसानों का चीनी मिलों पर बकाया है। इसी तरह गन्ना विकास कमीशन का करीब 19.53 करोड़ रुपये बाकी है।
सभी चीनी मिलों को नियमानुसार गन्ना मूल्य तथा विकास कमीशन का भुगतान करना अनिवार्य है, लेकिन मिल अधिकारी संवेदनशील नहीं है। डीएम के निर्देशानुसार नोटिस जारी करते हुए चेतावनी दी गई है कि अविलंब भुगतान न होने पर नियमानुसार उत्पादित चीनी स्टाक को प्रशासनिक अभिरक्षा में लिया जाएगा और विधिक कार्रवाई की जाएगी।
जगदीश चंद्र यादव, जिला गन्ना अधिकारी
लखीमपुर खीरी। जिले की नौ चीनी मिलों ने गन्ना आयुक्त के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए 31 दिसंबर 2012 तक खरीदे गए गन्ना मूल्य का भुगतान किसानों को नहीं किया है। जबकि चीनी मिलों को इस तिथि का भुगतान हर हाल में 15 जनवरी 2013 तक करना था। लिहाजा जिला गन्ना अधिकारी जगदीश चंद्र यादव ने सभी मिलों के अध्यासी/प्रधान प्रबंधकों को नोटिस जारी किए हैं, जिसमें तत्काल भुगतान न करने पर उत्पादित चीनी स्टाक को प्रशासनिक अभिरक्षा में लेने की चेतावनी भी दी है।
बता दें कि पेराई सत्र 2012-13 के गन्ना मूल्य तथा विकास कमीशन का भुगतान करने के संबंध में गन्ना आयुक्त ने 15 जनवरी 2013 तक का समय दिया था। इस अवधि में चीनी मिलों को 31 दिसंबर 2012 तक का भुगतान करना था, लेकिन मिलों ने निर्धारित अवधि में भुगतान नहीं किया। इस पर जिलाधिकारी मनीष चौहान और जिला गन्ना अधिकारी जगदीश चंद्र यादव ने सभी मिल अधिकारियों के साथ 17 जनवरी 2012 को बैठक कर शीघ्र ही गन्ना किसानों को भुगतान के निर्देश दिए थे। साथ ही निर्देश थे कि बैंकों के साथ अनुबंध कर पर्याप्त धनराशि की सीसीएल स्वीकृत कराई जाए और 31 दिसंबर तक अविलंब भुगतान कर अवगत कराएं। इसके बाद ऐरा और संपूर्णानगर चीनी मिलों को छोड़कर अन्य मिलों ने 24 दिसंबर 2012 तक खरीदे गन्ने का भुगतान किया है। गन्ना विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो सूचना तिथि से 14 दिन पूर्व तक का करीब 870.63 करोड़ किसानों का चीनी मिलों पर बकाया है। इसी तरह गन्ना विकास कमीशन का करीब 19.53 करोड़ रुपये बाकी है।
सभी चीनी मिलों को नियमानुसार गन्ना मूल्य तथा विकास कमीशन का भुगतान करना अनिवार्य है, लेकिन मिल अधिकारी संवेदनशील नहीं है। डीएम के निर्देशानुसार नोटिस जारी करते हुए चेतावनी दी गई है कि अविलंब भुगतान न होने पर नियमानुसार उत्पादित चीनी स्टाक को प्रशासनिक अभिरक्षा में लिया जाएगा और विधिक कार्रवाई की जाएगी।
जगदीश चंद्र यादव, जिला गन्ना अधिकारी