धौरहरा। कुशोध पाटिनी अमावस्या के मौके पर शुक्रवार को श्रद्धालुओं ने सरजू नदी में स्नान कर मंदिरों में पूजा-अर्चना की। गरीबों को दान किया और इसके बाद कुश एकत्र कर अपने घरों में ले गए। मालूम हो कि कुशोध पाटिनी अमावस्या को लोग कुश एकत्र कर अपने घरों को ले जाते हैं और पूरे साल उसका इस्तेमाल करते हैं। कुश पवित्र माना जाता है और धार्मिक आयोजनों में उसका उपयोग होता है।
धौरहरा। कुशोध पाटिनी अमावस्या के मौके पर शुक्रवार को श्रद्धालुओं ने सरजू नदी में स्नान कर मंदिरों में पूजा-अर्चना की। गरीबों को दान किया और इसके बाद कुश एकत्र कर अपने घरों में ले गए। मालूम हो कि कुशोध पाटिनी अमावस्या को लोग कुश एकत्र कर अपने घरों को ले जाते हैं और पूरे साल उसका इस्तेमाल करते हैं। कुश पवित्र माना जाता है और धार्मिक आयोजनों में उसका उपयोग होता है।