घरों से निकलना किया बंद, खेतों पर भी नहीं जा रहे
सेमरपुरवा गांव की गलियों में पसरा हुआ है सन्नाटा
निघासन। ढखेरवा कांड लोगों के जेहन से निकला भी नहीं था कि एक बार फिर सेमरापुरवा के ग्रामीण की बस के नीचे आने से मौत के बाद पुलिस पब्लिक संघर्ष में बड़ी संख्या में नामजदगी ने गांवों में वर्दी का खौफ फैला दिया है। पुलिस के डर से लोगों ने अपने दैनिक कार्यों को भी विराम दे दिया है। गांव की गलियों में सन्नाटा पसरा हुआ है। पुलिस की आहट सुनते ही लोग अपने घरों में दुबक जाते हैं।
सोमवार को सेमरा पुरवा के सोहन लाल की दुर्घटना में मौत के बाद सड़क पर हुए प्रदर्शन और चक्का जाम के दौरान पुलिस और पब्लिक संघर्ष में 100 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। पुलिस द्वारा दर्ज मुकद्दमों के डर से गांव वाले दहशतजदा है। लोग पुलिस के डर से खेतों व लुधौरी चौराहे पर नहीं जा रहे है। वर्दी का खौफ लोगों के अंदर इस कदर हावी हो गया है कि उन्हें अज्ञात में शामिल बताकर कहीं जेल न भेज दे, पुलिस की नाराजगी का उन्हें खौफ सता रहा है।
निघासन में पुलिस और पब्लिक के बीच झड़पें कोई नई नहीं हैं। इसका सिलसिला चलता रहा है। ढखेरवा में रंजीत मौर्या की मौत के बाद चौकी फूंकने व पुलिस पर पथराव के रूप में सामने आया था। इस कांड में पुलिस ने करीब सौ लोगों को नामजद करते हुए करीब दो हजार से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी।
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पुलिस ने तीन पकड़े, एक को छोड़ा
पुलिस ने सोमवार को घटना के समय दुर्गा पुरवा के सिराज अहमद, नंदा पुरवा के सीता राम, लुधौरी के ग्राम प्रधान लेखराम भास्कर को पकड़ना स्वीकार किया था। मंगलवार को इनमें से लेखराम, सीताराम को पुलिस ने चालान भेज दिया है। सिराज अहमद को मंगलवार सुबह छोड़ दिया गया।
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वर्जन--
देखो भाई घटना के दिन मैने पांच लोगों को पकड़ा था। उसमें से किसे छोड़ना है किसे नहीं। यह तय मैं करूंगा, दूसरा नहीं। इस घटना में किसी भी निर्दोष के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी और दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा।
-नितिश कुमार, सीओ पलिया
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पुलिस की अकर्मण्यता बनी कारण: टेनी
निघासन। भाजपा विधायक अजय मिश्र टेनी ने कहा कि लुधौरी व बिनौरा की घटना पुलिस की अकर्मण्यता, संवेदनहीनता और उदासीनता का दुष्परिणाम हैं। उन्होंने क्षेत्रवासियों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है।
सरस्वती शिशु मंदिर में आए भाजपा विधायक श्री टेनी पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पुलिस के तानाशाह भरे रवैए के चलते क्षेत्र के लोग कानून को हाथ में लेने के लिए मजबूर हो रहे हैं। दुर्घटना के बाद पुलिस सही ढंग से पीड़ितों के साथ पेश आती तो ऐसी घटना नहीं होती। उन्हाेंने ग्राम प्रधान के साथ दरोगा व सिपाही द्वारा अपराधी की तरह व्यवहार करने की घोर निंदा की। कहा कि मुख्यमंत्री से दोषियों को निलंबित करने की मांग करेंगे। इसके अलावा उन्होंने बिनौरा गांव का मामला भी उठाया कहा कि गांव के बिंद्रा की जमीन पर गंाव के कुछ लोगों ने जबरन घर बना लिया था। इस बात की शिकायत करते करते-करते वह तहसील थानों के चक्कर काटते तंग आ चुके थे, जिसके चलते घटना हुई। पुलिस की लापरवाही का नतीजा भोली-भाली जनता को भुगतना पड़ता है।