ग्रामीण क्षेत्रों में भी हो जाएगी डॉक्टरों की कमी
लखीमपुर खीरी। दस साल से एक ही जिले में डटे डॉक्टरों को हटाने की शासन की नीति जिले की चिकित्सा व्यवस्था को सबसे ज्यादा प्रभावित करेंगी। जिला अस्पताल पहले से ही डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है अब सीएचसी और पीएचसी पर भी डॉक्टरों की कमी हो जाएगी। ऐसे में जिले के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलना तो दूर की बात काम चलाऊ स्वास्थ्य सेवाएं भी नहीं मिल पाएंगी। स्वास्थ्य विभाग के लिए व्यवस्था संचालित कर पाना मुश्किल हो जाएगा।
क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला होने के साथ ही यहां प्रतिवर्ष बाढ़ कहर बरपाती है। जिले का अधिकतर हिस्सा प्रभावित होता है। इसके बाद संक्रामक बीमारियों का दौर शुरू हो जाता है। ऐसे में बीमारियों पर नियंत्रण पाने में स्वास्थ्य विभाग के पसीने छूट जाते हैं। कई वषों से जिले में डॉक्टरों की कमी बनी हुई है। जिले की 40 लाख से अधिक जनसंख्या को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए जिला और महिला अस्पताल के अलावा 11 सामुदायिक और 58 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित हैं। मानक के अनुसार प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक बाल रोग विशेषज्ञ, एक महिला डॉक्टर, एक सर्जन और दो फिजीशियन होने चाहिए लेकिन जिले में एक भी ऐसा सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं है, जहां मानक के अनुरूप डॉक्टरों की तैनाती हो। कई पीएचसी एक डॉक्टर के सहारे और सीएचसी दो डॉक्टरों केसहारे चल रहीं हैं। हालांकि अभी तक लोगों को सीएचसी और पीएचसी पर डॉक्टरों की कमी इसलिए नहीं अखरती थी, क्योंकि उन्हेें जिला अस्पताल में डॉक्टर मिल जाते थे और दवाएं भी मिल जाती थीं। इधर शासन की स्थानांतरण नीति के चलते डॉक्टरों के तबादले का कार्य शुरू हो गया है। इससे जिला अस्पताल पूरी तरह से खाली हो गया है। अब यहां से भी मरीजों को बैरंग लौटना पड़ेगा। अब तक तीन डॉक्टर जिला अस्पताल से और तीन ग्रामीण क्षेत्रों से स्थानांतरित हो चुके हैं। सूत्रों के अुनसार जिला अस्पताल में ही अभी कई डॉक्टर ऐसे हैं, जिनकी तैनाती दस वर्षों से अधिक से है इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे डॉक्टरों की संख्या एक दर्जन से भी अधिक है। यदि एक साथ इतने डॉक्टर और स्थानांतरित हो गए तो पूरे जिले में डॉक्टरों की जबरदस्त कमी हो जाएगी।
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शासन से मांग की जाएगी डॉक्टरों की
अभी तो स्थानांतरण चल रहे हैं अपने यहां से डॉक्टर जा रहे हैं तो दूसरे जिलों से भी डॉक्टर यहां तैनात किए जाएंगे। यदि फिर भी कमी रहती है तो शासन से अतिरिक्त डॉक्टरों की मांग की जाएगी। बाढ़ से निपटने की कार्ययोजना बना ली गई है लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलें इसके लिए पूरा प्रयास किया जाएगा।
-डॉ. एनएल यादव, सीएमओ खीरी