दिन भर न घर में चैन मिला न बाहर
लखीमपुर खीरी। दिनभर की झुलसा देने वाली गर्मी से शाम को आई आंधी ने राहत दी। शुक्रवार को सुबह से ही तेज धूप और गर्म हवाओं ने लोगों को बेहाल कर दिया। धूप इतनी तेज थी कि लोगों को बाहर निकलना तक दुश्वार हो गया। पक्के मकान इस तरह तप रहे थे जैसे मकान न होकर भट्ठी बन गए हों।
शुक्रवार को सुबह से ही सूरज तेजी से तप रहा था। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया सूरज की गर्मी बढ़ती गई। 11 बजते-बजते सड़कें अंगारा बन गई लोगों का सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया। उमस भरी गर्मी से लोग बिलबिला उठे। लोगों को न घर में चैन मिला न बाहर।
बाहर निकलने पर वदन झुलस रहा था। इसके चलते लोग विशेषकर महिलाएं पूरे वदन को ढक कर छाता लेकर ही बाहर निकल पाईं।
गर्मी से बिलबिलाए बच्चों ने ट्यूबवेल के टैंकों तालाबों और नदियों में छलांग लगा दी। घंटों पानी में रहकर किसी तरह गर्मी से राहत पाई। दिन में कई कई बार नहाने के बाद भी लोगों को गर्मी से राहत नहीं मिली। बिजली न रहने पर लोग पेड़ की छांव में अपना सिर छिपाया। जो घर में रहे उन्होंने पंखा झल कर अपना दिन गुजारा।
शाम करीब 6.30 बजे अचानक आई धूलभरी आंधी गर्मी में ठंडी फुहार सी लगी। हवा के ठंडे झोंकों से लोगों को गर्मी से राहत मिली। आंधी अधिक तेज गति से नहीं आई थी। यह मौसम की पहली आंधी लोगों को अच्छी लगी। शहर में आंधी से किसी क्षति की कोई सूचना नहीं मिली है।