जापानी इंसेफ्लाइटिस से निपटने को कार्ययोजना
सिटी रिपोर्टर
लखीमपुर खीरी। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सौजन्य से कलेक्ट्रेट सभागार में जापानी इंसेफ्लाइटिस को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें जापानी इंसेफ्लाइटिस जैसी घातक बीमारी से बचाव और सावधानियों पर चर्चा की गई तथा इससे निपटने की आवश्यक कार्ययोजना बनाई गई। डीएम ने कहा कि जिला अस्पताल में इसके लिए 10 बेड का विशेष वार्ड बनेगा।
बैठक में लखनऊ से आए संचारी रोग निदेशक डॉ. एम के गुप्ता ने बताया कि जापानी इंसेफ्लाइटिस वर्ष 2005 में प्रदेश के34 जिलों तक फैल गया था। अभी तक इसका प्रकोप 11 जिलों में है। लखीमपुर जिले में एक मरीज की जांच की जा रही है उसे दिमागी बुखार है या और कोई बीमारी अब तक इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। डॉ. एम के गुप्ता ने बताया कि मस्तिष्क ज्वर जापानी विषाणु से जानवरों में होता है। यह धान के खेतों में तेजी से पनपने वाले क्युलेक्स मच्छर के काटने से और सुअरों तथा अन्य जानवरों से मनुष्य में फैल जाता है। इसके अलावा संक्रमित जल भी मस्तिष्क ज्वर का कारण हो सकता है। उन्होंने बताया यह एक जानलेवा बीमारी है। मस्तिष्क ज्वर में अचानक तेज बुखार आता है। मरीज केव्यवहार में अचानक परिवर्तन आता है। इसके अलावा मरीज झटके भी लेने लगता है। इसलिए यदि इस तरह के लक्षण हैं तो तत्काल चिकित्सक को दिखाएं और यदि 12 घंटे तक बुखार न उतरे तो उसे स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं किसी झोलाछाप डॉक्टर को न दिखाएं। यह गंभीर बीमारी है यदि बच्चा मस्तिष्क ज्वर से ग्रसित हो गया तो वह दिमाग से अपंग हो सकता है। इसलिए हम सबको चौकन्ना रहने की जरूरत है। उन्हाेंने बताया कि खाने-पीने में उबले हुए पानी का प्रयोग करें। पशुओं को हाथ लगाने के बाद, मरीज को देखने के बाद तथा खाना बनाने और खाने से पहले हाथ साबुन से धोएं। यहां दिल्ली से आए आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य डॉ. मुजफ्फर अहमद ने बताया कि तराई क्षेत्रों के जिलों के अलावा मंडल के अन्य जिलों में भी कार्यशालाएं कराई जा रही हैं। उन्होंने बताया स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी, आशाएं और आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को इसके लिए जागरूक करेंगी। यहां एंटोमोलाजिस्ट डॉ. रमेशचंद ने साफ-सफाई केविषय में विधिवत बताया और कहा कि घर के आसपास गंदगी न होने दें।
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जिले को मिलेगी बच्चों की आईसीयू यूनिट
आपदा प्रबंधन की कार्यशाला में जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने कहा जेई से बचाने के लिए टीकाकरण किया जा रहा है। उन्होंने लोगों से कहा कि 15 वर्ष तक के बच्चों को टीका जरूर लगवाएं। डीएम ने कहा कि जिला अस्पताल में इसके लिए 10 बेड का विशेष वार्ड बनेगा तथा बच्चों के लिए आईसीयू यूनिट स्थापित की जाएगी।