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वन्य जीवों के लिए पेयजल की समस्या

Lakhimpur Updated Wed, 30 May 2012 12:00 PM IST
बांकेगंज। इन दिनों कड़ी धूप और गर्मी से जंगल के अंदर बने तालाब सूख चुके हैं। और तो और मैलानी, बांकेगंज के जंगल के बीच होकर बहने वाली खीरी ब्रंाच नहर भी सूखी पड़ी है। ऐसे में मढ़हा का एक मात्र तालाब ही जंगली जानवरों की प्यास बुझा रहा है। समूचे जंगल के जानवर इसी तालाब पर आकर एक ही घाट पर पानी पी रहे हैं। जिसको लेकर समूचे जंगली जानवरों को पानी के लिए हर रोज तकरीबन 18 से 20 किलोमीटर लंबा सफर तय करने के बाद पानी नसीब हो पा रहा हैं।

भीषण गर्मी जंगली जानवरों के लिए समस्या बनती जा रही है। इन दिनों नहरों में पानी न होने और जंगल के तालाबों का पानी सूखने पर वन्य जीव पानी की तलाश में भटक रहें हैं। बारह हजार हेक्टेयर में फैले मैलानी वन क्षेत्र में हजारों की संख्या में वन्य प्राणियों ने अपना आशियाना बनाया हुआ है। जिसमें तीन बाघ, छह तेंदुए, एक हजार से भी अधिक चीतल और पक्षी मौजूद हैं। जंगल में पानी का कोई खास इंतजाम न होने से इन सभी वन्य जीवों को मढ़हा तक दौड़ लगानी पड़ रही है। पानी की तलाश में भटकते हुए यह जंगल के पड़ोस में बसे गांवाें में पहुंच कर शिकारियों के हत्थे भी चढ़ रहे हैं।

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मढ़हा के अलावा भी है पानी: रेंजर
मैलानी रेंजर अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि वन क्षेत्र के जानवरों के लिए मढ़हा के अलावा पनसब्बी नम्बर नौ ग्राम हरदुआ के नजदीक तालाब में भी पानी मौजूद है। इसके अलावा खीरी नहर में पानी नहीं होने पर झालों में एकत्र पानी में वह अपनी प्यास बुझा लेते हैं। इन वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर वन कर्मी चौबीस घंटे मुस्तैद रहते हैं।
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