लखीमपुर खीरी। गर्मी में बिजली संकट से फिलहाल लोगों को निजात मिलती नजर नहीं आ रही। बिजली संकट दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। आग उगलती धरती और शोले बरसाते सूरज के कारण लोग गर्मी से बेहाल हैं। गर्मी से बिलबिलाते लोगों को बिजली न मिलने से ठंडी हवा तक मयस्सर नहीं हो पा रही है।
अलसुबह पांच बजे से नौ बजे तक बिजली गायब रहने से लोगों की नींद तो उड़ जाती है लेकिन उसे दैनिक क्रियाएं निबटाने के लिए पानी नहीं मिल पाता। नहाना धोना तो दूर लोगों नौ बजे तक बिना ब्रश किए रहना पड़ता है। लोगों की सुबह की दिनचर्या पूरी तरह गड़बड़ा कर रह गई है। बिजली न रहने से सुबह लोग बूंद-बूंद पानी तक को तरस रहे हैं। शहर में जो हैंड पंप लगे हैं वह भी खराब पड़े हैं। ऐसे में लोगोें को बाहर से भी पानी नहीं मिल पाता। जिन लोगों ने पानी के लिए अपने निजी साधन लगा रखे हैं वह भी जेट पंप और समर सेबिल नहीं चला पा रहे हैं।
क्रासर.....
न घर में चैन बाहर राहत
गर्मी के कारण लोगों का घर से निकलना किसी सजा से कम नहीं है। तपती दोपहरी में लोग किसी जरूरी काम से ही बाहर निकलते हैं। अन्यथा धूप में निकलने से परहेज ही करते हैं। बाहर कड़ी धूप और लू जबकि घर में बिजली के अभाव में कुकर बने मकान में उबलना पड़ रहा है।
इंसेट....
बिजली की मेहरबानी, न हवा न पानी
दोपहर के समय बिजली कटौती के लिए निर्धारित नहीं है लेकिन किसी न किसी तकनीकी दिक्कत के चलते हर दोपहर को घंटे दो घंटे बिजली गायब जरूर रहती है। इस बीच लोगों को घर में रुक पाना भी मुश्किल हो जाता है। शाम को जिस समय बिजली गायब होती है वह लोगों के काम से वापस घर लौटने का समय होता है। जब लोग घर लौटते हैं तो घर में पंखे की हवा नसीब नहीं होती। गर्मी भगाने को नहाना चाहे तो पानी नहीं। कुल मिलाकर न घर से निकलते समय बिजली न वापस आते समय बिजली। न सुबह पानी न शाम को पानी।
इंसेट....
खूब तपा मंगल
मंगलवार को अधिकतम तापमान 43.5 डिग्री सेल्सियस पर जा पहुंचा जबकि न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रहा। कड़ी धूप और लू के थपेड़ों से लोग बिलबिला उठे। लोगों का कहना है कि इस साल तराई में जितनी गर्मी पड़ रही है, इससे पहले पिछले दस सालों में नहीं पड़ी।
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बिजली पैदा न कर दे कानून व्यवस्था के लिए संकट
भारी बिजली कटौती से लोगों में भारी आक्रोश पैदा हो रहा है। कहीं लोगों का यह गुस्सा कानून व्यवस्था के लिए संकट न पैदा कर दे। राजनीतिक दलों, सामाजिक और व्यापारिक संगठनों ने बिजली आपूर्ति में सुधार न होने पर आंदोलन की चेतावनी पहले ही दे रखी है। यदि सुधार न हुआ तो सड़कों पर उतर कर आंदोलन कर सकते हैं।