लखीमपुर खीरी। शारदा नहर से निकली खीरी ब्रांच नहर में साफ-सफाई करने के बाद पानी छोड़ा गया लेकिन दबंगों ने रास्ते में ही बांध बनाकर रोक लिया है। इससे आगे कई किमी तक किसानों के खेतों को पानी नहीं मिल पा रहा है। एक पखवाड़े के इस टर्न से पहले भी दबंगों ने पानी रोका था। बाद में 15 दिन को टर्न बदल गया था। इस तरह लगभग एक माह से वंचित क्षेत्र में हजारों एकड़ फसलों को पानी न मिलने से फसलें सूखकर चौपट हो रही हैं। किसान पर विपत्ति का पहाड़ टूटा है लेकिन उनकी सुनने वाले भी निर्दयी बनकर बैठ गए हैं।
छाउछ के आसपास इलाके किसान आंसू बहाने के अलावा कुछ नहीं कर पा रहा है। जन प्रतिनिधि विपक्षी दल के नेता भी उनके दर्द में शामिल नहीं हो रहे हैं। किसान संगठनों ने भी अपने किसानों की सुधि नहीं ली है। वक्त के मारे किसानों की सारी मेहनत और लागत सब बेकार हो गई है। उन्हें लगने लगा है कि अब फसल में उनके हाथ कुछ नहीं लगेगा।
पीली पड़ रही फसलें देख छाउछ के आसपास के किसान बजरंगी, सत्यभान, संतराम आदि ने अधिकारियों के कार्यालयों के खूब चक्कर लगाए, गिड़गिड़ाए और अपना दुखड़ा रोये। मगर, मानवीय संवेदनाओं को भुला चुके प्रशासनिक अधिकारियों ने भी इन दुखियारे किसानों को दर्द को जानने का प्रयास नहीं किया। छाउछ की ओर आने वाली नहर के बड़े हिस्से में पानी न रहने से हजारों किसानाें की लाखों की फसल मुरझा गई। किसान माथे पर हाथ रखे बैठा है। उसे कोई यह बताते को तैयार नहीं है कि पानी कब तक मिल सकेगा?
सिंचाई विभाग के एई श्यामसुंदर शर्मा ने कहा था कि खीरी ब्रांच नहर में बृहस्पतिवार, 24 मई की शाम को चार बजे पानी छोड़ दिया गया है। जो 25 मई शुक्रवार को गोला और 26 मई, शनिवार को छाउछ के आगे पहुंच जाएगा। 10 जून तक इस ब्रांच नहर में पानी रहेगा। मगर, इस विश्वास को पानी रोककर फिर दबंगों ने तोड़ दिया है। हालांकि सिंचाई विभाग का दावा था कि इस बार 2800 क्यूसेक पानी नहर में छोड़ा गया है। नहर पूरा भरकर चलेगी।
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क्षेत्रीय विधायक भी नहीं करा सके निदान
श्रीनगर के विधायक रामसरन ने कहा था सिंचाई विभाग वाले नहरों में पूरा पानी नहीं छोड़ते हैं। इसलिए लोगों को बांध बनाकर पानी को रोकना पड़ता है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों से बात की जाएगी। लखीमपुर के विधायक उत्कर्ष वर्मा ने कहा थ कि अधिकारियों से मिलकर समस्या का समाधान करा दिया जाएगा। दोनो ही विधायक सत्ता पक्ष सपा के हैं। ऐसे में वे भी किसानों की इस जटिल समस्या का समाधान नहीं कर सके। परेशान किसानों की इन विधायकों से नाराजगी भी बढ़ सकती है।
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नहर का पानी रोकने की होड़ लगी
एई श्याम सुंदर शर्मा ने बताया कि करनपुर, करौली जंगल, पुरैया, देवकली में ब्रांच नहर का पानी रोकने की शिकायतें मिलीं। वह भी स्टाफ को लेकर गए लेकिन किसी ने उनकी नहीं मानी और उल्टे उन पर सवार हो गए। उन्हें उनके तेवर देख वापस आना पड़ा।
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खीरी ब्रांच नहर पर लोगोें की मनमानी
खीरी ब्रांच की नहर की सच्चाई ये है कि यहां कुछ गांव वाले अपने-अपने क्षेत्र में नहर के पानी को कच्चे बांध बनाकर रोक लेते हैं। 22 किमी लंबी इस नहर में पानी रोक लेने से छाउछ से आगे पानी नहीं जाता। जल-प्रवाह रोकने वालों को क्षेत्र के कुछ प्रभावशाली लोगों का संरक्षण है। यही वजह है सिंचाई विभाग के अधिकारी भी विवश नजर आते हैं। छाउछ के बजरंग गौड़, जाकिरा, संत कुमार आदि ने इस मसले को उठाया था लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया था।
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लाभ दिलाया जाएगा
खीरी ब्रांच नहर के मामले में संबंधित सिंचाई विभाग के अधिकारियों से बात करेंगे। नहर से जुड़े सभी किसानों पानी का लाभ दिलाया जाएगा। इस संबंध में सिंचाई विभाग के अधिकारियों से बात करेंगे। ताकि समस्या का निदान हो सके।
सुरेंद्र विक्रम सिंह, सीडीओ, लखीमपुर खीरी