मझगईं। यहां बेला गांव में राजा की कोठी पर सोमवार देर रात असलहों से लैस करीब डेढ़ दर्जन महिला और पुरुष डकैतों ने धावा बोला। नौकर को अपने कब्जे में लेकर डकैतों ने उसकी पिटाई की और बंधक बनाने के बाद कोठी के मंदिर से चांदी का शिवलिंग, मां काली की बेशकीमती मूर्ति और चांदी के अन्य आभूषण, बर्तन, नकदी और चालीस कारतूस लूट ले गए। लूट की इस घटना को चोरी में दर्ज कर पुलिस परदा डालने में लगी है।
लूटपाट के लिए चर्चा में रहने वाले मझगईं चौकी क्षेत्र के बेला गांव में डकैतों ने इस बार राजा हेमेंद्र शाह की कोठी को निशाना बनाया। सोमवार रात करीब एक बजे कोठी में घुसे असलाहधारी डेढ़ दर्जन डकैतों ने सबसे पहले छप्पर में सो रहे नौकर उत्तीराम को अपने कब्जे में ले लिया। उसकी पिटाई कर राजा और मैनेजर के साथ पूरे घर की जानकारी हासिल की। इसके बाद डकैतों ने नौकर से कोठी की चाबी लेकर उसे एक कमरे में कैद कर दिया। डकैतों का सबसे पहला निशाना कोठी का मंदिर रहा। मंदिर और कोठी से चांदी का शिवलिंग, चांदी की ही मां काली की मूर्ति, एक चांदी का मदार का पत्ता, एक चांदी की बेलपत्री, एक दूरबीन और सोलह बोर बंदूक की चालीस कारतूस लूटीं व अलमारी तोड़कर उसमें रखी करीब पांच हजार रुपये की नगदी निकालकर फरार हो गए। यहां डकैत करीब तीन घंटे रुके। नौकर को सुबह पड़ोस के रमा राना ने आजाद कराया। बाद में लूटपाट की जानकारी मैनेजर हीरा सिंह को फोन पर दी गई।
स्थिति पर पहले से नजर रखे थे डकैत
राजा हेमेंद्र बाहर रहते हैं और कभी-कभी यहां आते हैं। माना जा रहा है कि डकैतों ने पहले सारी स्थितियों को कई दिनों तक भांपा और इसके बाद धावा बोला। लूटे गए माल की कीमत लाखों रुपये बताई जा रही है। फिलहाल लूटपाट की तहरीर मझगईं पुलिस को दे दी गई है, लेकिन पुलिस अब इसे चोरी में दर्ज कर अपना पल्ला झाड़ने में जुट गई है।
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दो महीनों में तीसरी वारदात से थर्राया इलाका
मझगईं चौकी क्षेत्र में दो महीनों के भीतर लूटपाट और हत्या की यह तीसरी वारदात है। इस वारदात ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। बता दें कि 18 अप्रैल की रात में चौखड़ा गांव के पूर्व प्रधान हरि सिंह की लूटपाट के इरादे से घुसे लुटेरों ने हत्या कर दी थी। इसमें अभी तक मुख्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी कि 18 मई को भरी दोपहरी करीब एक बजे नौगवां की एक बैंक से 22 हजार रुपये लेकर घर जा रहे चौरी निवासी गौरीशंकर से बाइक सवार लुटेरों ने यह रकम लूट ली थी। इस मामले को भी अभी तक खुलासे का इंतजार है। पुलिस की यह सुस्त कार्यप्रणाली लुटेरों का मनोबल बढ़ाती हुई उन्हें रोजाना ऐसी वारदातों को अंजाम देने के लिए प्रेरित कर रही है।