लखीमपुर खीरी। जिला मुख्यालय लखीमपुर की नगर पालिका का इतिहास 100 साल से भी अधिक पुराना है। शहर की नामचीन हस्तियों ने इस पालिका की बागडोर संभाली है। इसी नगर पालिका से राजनीति का ककहरा सीख कर कई लोगों ने देश और प्रदेश की राजनीति में अपनी प्रतिष्ठा स्थापित की। खीरी के सांसद जफर अली नकवी ने भी इसी नगर पालिका से अपनी राजनीति की शुरुआत की थी।
वर्ष 1910 में स्थापित इस नगर पालिका के पहले अध्यक्ष बनने का गौरव ठा. राजेंद्र बहादुर सिंह को मिला। अब तक इस पालिका में 24 अध्यक्षों ने पालिका का प्रशासन संभाला जबकि 12 प्रशासकों को पालिका की कमान संभालने का मौका मिला है। 102 साल के इतिहास में केवल एक बार यहां महिला अध्यक्ष रही हैं।
नगर पालिका लखीमपुर में अध्यक्ष बनने वालों में कई बड़ी राजनीतिक हस्तियां, वरिष्ठ अधिवक्ता और बड़े व्यवसाई शामिल हैं। इस नगर पालिका में लक्ष्मी नरायन आगा ही एक मात्र ऐसे अध्यक्ष रहे जिन्हें तीन बार पालिका की कमान संभालने का मौका मिला है। बाकी कुछ दो बार तो कुछ को केवल एक बार ही अध्यक्ष बनने का मौका मिला है।
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पालिका से संसद तक का सफर
लखीमपुर नगर पालिका में 1944 से 1946 तक अध्यक्ष रहने वाले कुं. खुशवक्त राय आजादी के बाद खीरी के पहले सांसद बने। 1957-58 में अध्यक्ष रहे पं. बंशीधर मिश्रा संविधान सभा के सदस्य और कई बार विधायक रहे। वर्ष 1971 से 74 तक नगर पालिका के सभासद रहने वाले जफर अली नकवी सभासदी के बाद सीधे विधानसभा का चुनाव लड़कर विधायक बने। वह दो बार विधायक रहे। उन्होंने प्रदेश सरकार में वन व गृह राज्यमंत्री का दायित्व भी संभाला। मौजूदा समय में वह सांसद है।
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कुछ दो बार तो कुछ तीन बार अध्यक्ष बने
जिले के वरिष्ठ अधिवक्ता लक्ष्मी नरायन आगा लखीमपुर नगर पालिका के तीन बार अध्यक्ष रहे हैं। पहली बार वह 1953 से 1957 तक, इसके बाद 1959 से 1964 तक, फिर 1971 से 1974 तक अध्यक्ष बनने का मौका मिला। इनसे पहले संकटा प्रसाद बाजपेयी दो बार 1919-22 तथा 1936 से 1944 तक अध्यक्ष रहे। वरिष्ठ अधिवक्ता कृष्ण प्रमोद तिवारी ने भी दो बार अध्यक्षी संभाली। वह 1969से 71 तक तथा 1974 से 1977 तक अध्यक्ष रहे। निवर्तमान अध्यक्ष ज्ञान प्रकाश बाजपेयी भी 2000 से 2005 तक तथा 2006 से 2011 तक दो बार अध्यक्ष रहे। वह इस चुनाव में भी उम्मीदवार हैं।
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केवल एक बार रही महिला अध्यक्ष
नगर पालिका के 102 साल के इतिहास में अध्यक्ष पद एक बार 1995 में सामान्य महिला के लिए आरक्षित हुआ। तब भाजपा नेता नीरू पुरी को नगर पालिका की पहली महिला अध्यक्ष बनने का गौरव हासिल हुआ। वह 1995 से 2000 तक अध्यक्ष रहीं। अगली बार फिर यह सीट अनारक्षित हो गई। इससे वह चुनाव से बाहर हो गईं।
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पिता के बाद पुत्र भी रहे अध्यक्ष
वर्ष 1926 में सरस्वती प्रसाद सक्सेना लखीमपुर नगर पालिका के अध्यक्ष रहे। इसके बाद उनके पुत्र लक्ष्मी नरायन आगा इसी नगर पालिका के तीन बार अध्यक्ष रहे। 1913 में मोहन लाल तिवारी अध्यक्ष बने बाद में उनके पुत्र कृष्ण प्रमोद तिवारी दो बार अध्यक्ष रहे। लक्ष्मी नरायन आगा और कृष्ण प्रमोद तिवारी दोनों ही काफी लोकप्रिय चेयरमैन रहे हैं। उन दिनों अध्यक्ष पद का चुनाव सीधे जनता से नहीं होता था बल्कि सभासद अध्यक्ष चुनते थे।
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दस साल तक प्रशासकों ने ही संभाला कामकाज
1977 में नगर पालिका बोर्ड का कार्यकाल पूरा होने के बाद 10 साल तक चुनाव हुआ ही नहीं। 1978 से लेकर 1988 तक प्रशासक के रूप में जिलाधिकारियों ने ही कार्यभार संभाला। इस बीच तत्कालीन डीएम नंद स्वरूप चोपड़ा, मदन मोहन वर्मा, रमेश नरायन त्रिवेदी, इंदु कुमार पांडे, एसएल कुमैया, बनारसी दास और राकेश बहादुर ने प्रशासक के रूप में रहे। इसके बाद दो बोर्डों के चुनाव के बीच कई बार प्रशासक नियुक्त हुए।