लखीमपुर खीरी। मानसून आने को है और जिले में इस दौरान आने वाली दैवीय आपदा ‘बाढ़’ से निपटने की प्रशासनिक तैयारी फिलहाल कुछ उसी तर्ज पर शुरू हुई है जैसी पिछली साल प्रशासन ने की थी। आंकड़े गवाह है कि उस दौरान बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित रही तहसील पलिया सहित अधिकतर तहसीलों के बाढ़ में फंसे लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने तक की जहमत जिला प्रशासन ने नहीं उठाई। यही वजह रही कि पिछले साल बाढ़ की विभीषिका में आठ लोगों की जहां डूबकर मौत हो गई वहीं नौ पशु भी असमय काल के गाल में समा गए। अगर पिछले अनुभवों से भी प्रशासन ने सीख नहीं ली तो बाढ़ के दौरान जिले में होने वाले नुकसान को रोक पाना काफी मुश्किल होगा।
पिछले साल आई बाढ़ में आठ लोगों की जानें चली र्गइं थी, साथ ही मोहम्मदी को छोड़ शेष अन्य तहसीलों की करीब सवा तीन लाख से अधिक आबादी भी प्रभावित हुई थी।
पिछले साल आई बाढ़ के दौरान मोहम्मदी तहसील को छोड़ शेष सभी पांचों तहसीलों के करीब 237 ग्राम के 3,16271 लोग प्रभावित हुए थे। पलिया तहसील के सर्वाधिक 63 गांवों सहित 123 ग्राम ऐसे थे जो पूरी तरह जलमग्न हो गए थे। इनमे लखीमपुर के 40, धौरहरा के सात तथा गोला तहसील के 13 गांव भी शामिल हैं। इन प्रभावित गांवों के किसानों की करीब 0.91137 लाख हेक्टेयर बोई फसल भी प्रभावित हुई थी। एक अनुमान के मुताबिक इससे किसानों को 362.92 लाख रुपये की हानि भी हुई थी।
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आठ जन, नौ पशु हानि भी
पिछलेे साल आई बाढ़ में लखीमपुर में चार, निघासन, धौरहरा, गोला तथा पलिया में एक-एक लोग बाढ़ विभीषिका के चलते असमय काल के गाल में समा गए थे। जबकि निघासन में एक, पलिया में पांच तथा गोला तहसील क्षेत्र में बाढ़ के कारण नौ पशुओं की डूबने से मौत हो गई थी।
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प्रशासनिक आंकड़े ही खामी के गवाह
प्रशासनिक आंकड़ों और दावों की ही बात करें तो पिछली साल बाढ़ की चपेट में आए 237 गांवों के 3,16,271 लाख लोग प्रभावित हुए। 323 नावें बचाव और राहत कार्य में लगाई गईं। आठ शिविर भी लगाने की बात कही गई है, लेकिन इन्हीं आंकड़ों में प्रभावित दिखाई गई पांच तहसीलों में से सिर्फ लखीमपुर तहसील से 2400 तथा धौरहरा तहसील से 570 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की बात कही गई है। इससे साफ है कि बाढ़ के दौरान सर्वाधिक रूप से प्रभावित पलिया तथा निघासन तहसील के बाढ़ में बुरी तरह फंसे एक भी व्यक्ति को निकाल कर सुरक्षित स्थान पर नहीं पहुंचाया गया।
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सीएम के निर्देश भी बेअसर
चार अप्रैल को दौरे के समय मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नदी कटान से लोगों को राहत के लिए जहां 18 करोड़ रुपये के कार्यों को हरी झंडी दी थी वहीं बाढ़ के दौरान फंसे लोगों को निकालने और राहत पहुंचाने के लिए दो नए स्टीमर भी खरीदने को कहा था। बचाव कार्य के टेंडर होने के बाद भी अधिकतर स्थानों पर कार्य नहीं शुरू हो सका है, जहां शुरू हुआ वहां काफी मंद गति से कार्य हो रहा है। स्टीमर भी अभी तक खरीदा नहीं जा सका है। जबकि कागजों में प्रशासन द्वारा बाढ़ और राहत की सभी तैयारी लगभग पूरी बताई जा रही हैं।
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पिछले साल कहां रही बाढ़, कितने लोग हुए प्रभावित
तहसील प्रभावित ग्राम प्रभावित जनसंख्या
लखीमपुर 40 0.70000 लाख
निघासन 63 0.82740 लाख
धौरहरा 58 0.67601 लाख
गोला 13 0.08738 लाख
पलिया 63 0.87192 लाख
कुल योग: 237 3,16271 लाख