लू ने लोगों को झुलसा कर रख दिया
बाजार और सड़कों पर पसरा रहा सन्नाटा
लखीमपुर खीरी। मौसम में गुरुवार को तपिश और बढ़ गई। आसमान से पूरे दिन शोले बरसे। गर्म लू के थपेड़ों ने लोगों को झुलसा कर रख दिया। सुबह जो हवाएं लोगों को गर्मी से राहत दे रहीं थीं, दस बजते-बजते वे गर्म हो र्गइं। तेज लू के चलने से लोगों को पैदल चलना तो दूर वाहन चलाना तक मुश्किल हो गया। इतनी ज्यादा धूल उड़ रही थी कि कई जगह दुर्घटनाएं होते-होते बचीं।
गुुरुवार का दिन इस साल के गर्मी के मौसम का सबसे गर्म दिन रहा। आज अधिकतम तापमान 43.8 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान 27.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। इस मौसम में इससे पहले इतना तापमान किसी दिन भी नहीं रहा था। गर्मी के लगातार बढ़ने से आम जनजीवन पूरी तरह अस्तव्यस्त हो गया। आज भी शहर में पूरी तरह सन्नाटा छाया रहा। सड़कों पर इक्का-दुक्का लोग ही दिखाई दिए।
सुबह सूरज निकलने से पहले चल रही पछुआ हवाएं लोगों को गर्मी से राहत दे रहीं थीं लेकिन सूरज निकलते ही तापमान बढ़ने लगा और यही ठंडी हवाएं लोगों को झुलसाने लगीं। गुुरुवार को लू का प्रकोप अन्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा रहा। लू इतनी तेज थी कि दिनभर सड़कों पर धूल उड़ती दिखाई दी। धूल इतनी ज्यादा थी कि लोगों को सड़क पर चलना मुश्किल हो गया। कई बार वाहन दुर्घटनाग्रस्त होते-होते बचे।
शहर के लोग किसी तरह अपने ठिकानों पर महफूज रहे लेकिन जिले के दूरदराज क्षेत्रों से अपने काम के सिलसिले में आने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लोग छाया की तलाश में इधर-उधर भटकते नजर आए। कोई छाया तलाश रहा था तो काई पानी। गर्मी के कारण पानी की बोतलों और पाउच की इतनी बिक्री हुई कि बाजार में पानी की कमी पड़ गई। इसके चलते बाजार में आज पानी निर्धारित मूल्य से अधिक दामों पर बिका।
इधर पानी की कमी को देखते हुए कुछ स्वयंसेवी प्याऊ लगाने में आगे आए हैं। सरना होटल के पास समाजसेवी उमाशंकर मिश्रा ने एक प्याऊ लगाया है। उन्होंने कहा कि शहर में कुछ और जगहों पर एक दो दिन में ही प्याऊ लगाएंगे। जिला अस्पताल, कलक्ट्रेट, तहसील और प्राइवेट बस अड्डों पर प्याऊ न लगने से बाहर से आने वाले राहगीरों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
गर्मी और लू के कारण आज बीमारों की तादाद और बढ़ गई। अस्पतालों और प्राइवेट डॉक्टरों के यहां लू लगने से बीमार हुए लोगों की भारी भीड़ रही। मजदूरों पर गुरुवार का दिन काफी भारी गुजरा। कई राहगीर और मजदूर तो सड़क पर ही बेहोश हो गए उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। शहर में तो नीचे सड़कें तप रहीं थीं। गर्म लू लोगों को झुलसा रही थी और आसमान से आग बरस रही थी। लोगों को दिन काटना भारी पड़ रहा था।