राजमार्ग से मजरा जुड़ा है तो तीन, कच्चे मार्ग से जुड़ा है तो मिलेगा एक अंक
एक जून से शुरू हो जाएगा जिले में सर्वे, 30 तक पूरे हो जाएंगे काम
लखीमपुर खीरी। प्रदेश सरकार की डॉ. राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना के तहत प्रदेश में करीब 10 हजार ग्रामों का चयन कर समयबद्ध रूप से पांच सालों में विकसित किया जाएगा। वर्ष 2012-13 में करीब 1600 राजस्व ग्रामों का चयन किया जाना है। इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों में एक जुलाई से सर्वे का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। प्रदेश के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश भेज कर उन्हें इसकी चयन प्रक्रिया अपनाने के निर्देश दिए हैं। जिलावार प्राप्त इन सूचनाओं के आधार पर ही शासन तय करेगा कि पहले चरण में किस जिले में कितने गांवों को डॉ. राममनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना के तहत चयनित किया जाएगा।
शासनादेश के मुताबिक इन गांवों का चयन जिलों की ग्रामीण जनसंख्या और पिछड़ेपन के सूचकों (बैकवर्डनेस इंडीकेटर्स) के आधार पर प्रदेश स्तर पर वर्षवार एवं जनपदवार ग्रामों की संख्या का निर्धारण किया जाएगा।
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यह रहेगी ग्रामों के चयन की प्रक्रिया:
सबसे पहले डीएम द्वारा गैर आबाद ग्रामों को छोड़ते हुए जिले के समस्त राजस्व ग्रामों की तहसीलवार सूची तैयार कराई जाएगी। जिसकी प्रतियां लोनिवि, पंजायतीराज, जल निगम, संबंधित विद्युत वितरण निगम, बेसिक शिक्षा तथा ग्राम्य विकास के जिला स्तरीय अधिकारियों को उपलब्ध कराई जाएगी। जिला स्तरीय अधिकारी अपने अधीनस्थ तहसील एवं विकास खंड स्तरीय अधिकारियों के मध्य ग्रामों का विभाजन करते हुए अपने विभाग से संबंधित कार्यक्रम/सुविधाओं का भौतिक सर्वेक्षण कराते हुए प्रत्येक ग्राम को 0-03 तक अंक प्रदान करेंगे।
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ऐसे होगा अंकों का निर्धारण
संपर्क मार्ग:
मुख्य मजरा अगर राष्ट्रीय, राज्यीय अथवा मुख्य जिला मार्ग पर स्थित है तो-3 अंक, पक्के मार्ग से जुड़ा है तो-2, खड़ंजे से जुड़ा है तो-1 तथा कच्चा है तो-0 अंक निर्धारित किए जाएंगे।
पंचायत घर:
ग्राम में दो कमरे से अधिक का पंचायत घर है तो-3 अंक, दो कमरे का है तो-2 अंक, एक कमरे का है तो-1 अंक तथा पंचायत घर नहीं है तो-0 अंक निर्धारित होंगे।
सर्वे में यह भी देखा जाएगा:
आंतरिक गलियां, पेयजल सुविधा, पाइप लाइन की दशा, विद्युतीकरण, प्राथमिक/उच्च पाठशाला, स्वच्छ शौचालय। इनका निर्धारण भी दी गई गाइड लाइन के अनुसार अंकवार होगा।
सर्वे के समय अंकों का निर्धारण कर विभागीय अधिकारी सूची डीएम को वापस कर देंगे। बाद में डीएम यह जानने के लिए कि सर्वे में निर्धारित अंक ठीक दिए गए हैं अथवा नहीं उसका जिला, तहसील तथा ब्लाक स्तरीय अधिकारियों से सत्यापन करवाएंगे। एक से 30 जून तक यह कार्य पूर्ण होना है। इसी के आधार पर शासन ग्रामों को चयन कर संबंधित जिलों को इसकी सूचना भेजते हुए उसमें समयबद्ध ढंग से समग्र विकास कराने के निर्देश देगा।
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गठित होगी समिति
चयनित ग्रामों के विकास के लिए कार्ययोजना का निर्माण, उसके क्रियान्वयन और उनके अनुश्रवण के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी। जिसके सीडीओ उपाध्यक्ष और पीडी सदस्य सचिव होंगे। डीडीओ, डीएचटीओ तथा संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी सदस्य होंगे।