किसानों को आशंका कि कहीं पहले की भांति बीच में न रोक ले कोई पानी
शुक्रवार को गोला तो शनिवार को छाउछ तक पहुंच जाएगा पानी
सूख रही लाखों की सब्जियों और फसलों को मिलेगा जीवनदान
लखीमपुर खीरी। शारदा की खीरी ब्रांच नहर के पानी को पहले बीच में कुछ गांव वालों ने रोक लिया था और उससे आगे के किसानों ने फसले सूखने पर दुखड़ा रोया। जबतक कुछ हो पाता तबतक नहर में पानी देने का रोस्टर खत्म हो चुका था। इसकी वजह से छाउछ की ओर आने वाली नहर के बड़े हिस्से में पानी न रहने से हजारों किसानाें की लाखों की फसल मुरझा गई। किसान माथे पर हाथ रखे बैठे रहे। उन्हें कोई यह बताने को तैयार नहीं था कि पानी कब तक मिल सकेगा। ‘अमर उजाला’ ने पहल की तो सिंचाई विभाग के अफसर चेते। इस ब्रांच नहर में बृहस्पतिवार की शाम को चार बजे पानी छोड़ दिया गया है लेकिन किसानों को यह आशंका सता रही है कि पहले की भांति रास्ते में कोई पानी न रोक ले। अगर, ऐसा हो गया तो उनकी फसल ही नहीं वे खुद बर्बाद हो जाएंगे।
पिछली बार एक पखवाड़े के रोस्टर में जब इस नहर में पानी छोड़ने की बारी थी तो शुरू के कुछ गांव के लोगों ने बीच में बांध बनाकर पानी को रोक लिया था। इससे इधर के इलाके में हजारों किसान परेशान हो उठे। उनकी फसलें सूखने लगीं। बावजूद इसके किसानों की कोई सुनने वाला नहीं था, वे गुहार लगाते घूमते रहे।
विभागीय अधिकरियों के मुताबिक उस समय नहर में पानी छोड़ने का टर्न बदल गया था। इस वजह से किसानों को एक पखवाड़ा पानी नहीं मिला। छाउछ से आगे की ओर के सैकड़ों गांवों के हजारों किसानों की फसल अबतक पानी न मिलने से मुरझा गई है और नष्ट होने के कगार पर है। अभी भी पानी आ जाता है तो फसल बच जाएगी।
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जनता के प्रति ये कैसी जवाबदेही
महत्वपूर्ण है कि यह नहर श्रीनगर और लखीमपुर खीरी विधानसभा क्षेत्र में बहती है। दोनों विधानसभाओं में सत्ता पक्ष समाजवादी पार्टी के क्रमश: रामसरन और उत्कर्ष वर्मा विधायक हैं। दोनो की समस्या पर जवाबदेही बनती है। इसके बावजूद समस्या का समाधान अधर में लटका रहा। दोनो विधायकों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से बात करने को कहा था। अधिकारियों ने इस संबंध में किसी भी विधायक से कोई बात होने से इंकार किया है। जनता के प्रति सत्ता की ये कैसी जवाबदेही है? इसे लेकर परेशान किसानों में चर्चा है।
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सिंचाई विभाग की व्यवस्था
विभागीय अधिकारियों की माने तो एक-एक पखवाड़े के टर्न के हिसाब से हरदोई और खीरी ब्रांच की इन नहरों को पानी मिलता है। खीरी ब्रांच की नहर में उनके अनुसार 26 अप्रैल से 10 मई तक पानी चला है। हालांकि किसानों का कहना है कि टर्न पर भी उन्हें पानी नहीं मिला। उनका आरोप है कि पीछे के गांवों में बांध लगाकर लोग पानी रोक लेते हैं। बीच में दो दिन थोड़ा पानी आया था लेकिन सूखी नहर ने सोख लिया।
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खीरी ब्रांच नहर पर लोगोें की मनमानी
खीरी ब्रांच की नहर की सच्चाई ये है कि यहां कुछ गांव वाले अपने-अपने क्षेत्र में नहर के पानी को कच्चे बांध बनाकर रोक लेते हैं। 22 किमी लंबी इस नहर में पानी रोक लेने से छाउछ से आगे पानी नहीं जाता। जल-प्रवाह रोकने वालों को क्षेत्र के कुछ प्रभावशाली लोगों का संरक्षण है। यही वजह है सिंचाई विभाग के अधिकारी भी विवश नजर आते हैं। छाउछ के बजरंग गौड़, जाकिरा, संत कुमार आदि ने इस मसले को उठाया था लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया था।
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खीरी ब्रांच नहर में बृहस्पतिवार को शाम छह बजे पानी छोड़ दिया गया है। जो शुक्रवार को गोला तक और शनिवार को छाउछ के आगे पहुंच जाएगा। 10 जून तक इस ब्रांच नहर में पानी रहेगा। इस बार 2800 क्यूसेक पानी नहर में छोड़ा जा रहा है। इससे कोई समस्या नहीं रहेगी। किसान सिंचाई कर सकेंगे। अगर, किसी ने पानी रोकने का प्रयास किया तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।
-श्याम सुंदर शर्मा, सहायक अभियंता, सिंचाई विभाग