नई खरीदी कार में आई त्रुटि को दूर करने में की लापरवाही
पैसा लेने के बाद भी मोटर कंपनी ने नहीं दिया बीमा, रजिस्ट्रेशन
जिला उपभोक्ता संरण फोरम का आदेश
लखीमपुर खीरी। नई कार में खराबी को दूर कराने के बजाय क्रेता को टरकाने, क्रय करते समय दिए कोटेशन से अधिक धनराशि लेने तथा बिना बीमा रजिस्ट्रेशन कार दे देने के मामले में जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम ने शहर की एक मोटर कंपनी मालिक से उपभोक्ता को खराब कार के स्थान पर त्रुटि रहित कार अथवा उनके द्वारा अदा की गई रकम को 18 फीसदी व्याज सहित देने के आदेश दिए हैं। फोरम ने यह आदेश शहर के मोहल्ला काशीनगर निवासी राजीव कुमार गुप्ता द्वारा दायर वाद पर दिया है।
फोरम के निर्णय के मुताबिक राजीव गुप्ता ने अक्तूबर 2010 में एलआरपी रोड स्थित शहर के सुमित्रा डीएस मोटर्स के प्रबंधक से ईको मारुति सुजकी कार क्रय करने के लिए कोटेशन लिया था। जिसमें कार की कीमत 3,05,818 रुपये दर्शाई गई थी। कार बुकिंग के नाम पर दस हजार रुपये भी दे दिए। आरोप है कि उसने बैंक से कार के लिए फाइनेंस कराया। बैंक से मोटर कंपनी के प्रबंधक को पूरी रकम मिलने के बाद भी उसने टरकाने का सिलसिला जारी रखा। काफी दौड़ भाग के बाद उसने कार तो दे दी, लेकिन इस बीच उसने थोड़े-थोड़े कर कोटेशन के अतिरिक्त और काफी रकम ले ली। आरोप है कि कुछ दिन बाद कार के इंजन से आवाज आनी शुरू हुई तो श्री गुप्ता ने उसे मोटर कंपनी प्रबंधक के यहां ले जाकर दिखाया। पर न तो वह दिक्कत दूर हुई और न ही कार का रजिस्ट्रेशन व बीमा ही कंपनी के प्रबंधक ने उपभोक्ता को उपलब्ध कराया।
हार कर श्री गुप्ता ने करीब एक साल पहले जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम में वाद दायर कर दिया। जिसमें उसने प्रबंधक सुमित्रा डीएस मोटर्स प्रा. लि. एनएच-24, रौजा बाईपास, शाहजहांपुर तथा निदेशक मारुति सुजकी इंडिका, लि. नेशनल मंडेला रोड बसंत कुंज नई दिल्ली को भी पार्टी बनाया। फोरम द्वारा संबंधितों को पक्ष प्रस्तुत करने के लिए अवसर भी दिया गया, लेकिन नोटिस प्राप्त के बाद भी विपक्ष की ओर से पक्ष प्रस्तुत करने कोई नहीं आया। मामले की सुनवाई करते हुए जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम के चेयरमैन वीएस राणा, सदस्य हिमांशु पांडेय तथा आशा दीक्षित ने श्री गुप्ता के परिवाद को एक पक्षीय रूप से स्वीकार करते हुए विपक्षीगणों को एक माह के भीतर नई त्रूटि रहित कार अथवा उपभोक्ता द्वारा अदा की गई सभी रकम मय 18 फीसदी ब्याज वापस देने के साथ श्री गुप्ता को मानसिक कष्ट व वाद व्यय के रूप में भी दस हजार रुपये अदा करने का आदेश दिया है।