सजा पाने वालों में पांच सगे भाई, जुर्माना भी डाला गया
एक हत्यारोपी का मामला जुवनाइल कोर्ट में
लखीमपुर खीरी। युवक कांग्रेस केप्रदेश सचिव मिथलेश वर्मा की निर्मम हत्या केमामले में विशेष एडीजे कुंवर अल्ला रक्खे खां ने पांच सगे भाईयों सहित छह अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने सभी को 23-23 हजार रुपये का जुर्माना भी ठोका है। अनूठी पहल करते हुए अदालत ने जुर्माने की वसूल रकम में से 50 हजार रुपये मृतक के परिजनों को सहायता राशि के बतौर देने का आदेश दिया है।
थाना कोतवाली सदर क्षेत्र के ग्राम सिंगारपुर निवासी मिथलेश वर्मा की 15 जुलाई 2005 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मिथलेश अपने भाई हरिवंश लाल के साथ अमकोटवा में गया प्रसाद के घर गया था जहां यह घटना हुई। किरन के पुत्र संजय व अजय तथा ककराही निवासी संजय के साले इंद्रेश, प्रेम किशोर, वेदप्रकाश, राकेश व पल्लू ने लाठी, डंडा, बांका व असलहा लेकर उन पर धावा बोला था। सुनवाई के दौरान अजय जुवनाइल घोषित हुआ तो उसका मामला किशोर न्याय बोर्ड के हवाले कर दिया गया। अभियोजन का पक्ष एडीजीसी प्रमोद सिंह ने रखा।
मुकरने केबावजूद छुप न सकी हकीकत
मुकदमे की सुनवाई के दौरान ही मृतक का साढू गया प्रसाद अपनी गवाही से अदालत में मुकर गया, जबकि संजय व अजय की मां किरन देवी बचाव पक्ष की ओर से पेश होकर पूरी अभियोजन पक्ष पर सवाल उठाए, मगर एडीजीसी प्रमोद सिंह ने जब गवाहों से जिरह की तब हकीकत खुल ही गई।
फैसले ने दी इंसाफ व्यवस्था को नई सोच
अदालत ने दिन-दहाड़े निर्मम हत्या केमामले में सभी आधा दर्जन हत्याभियुक्तों को उम्रकैद की सजा तो सुनाई ही, साथ ही विभिन्न धाराओं अलग-अलग जुर्माना भी किया। यह जुर्माना प्रत्येक हत्याभियुक्त पर 23-23 हजार का ठोंका गया। अदालत ने अपने फैसले में यह व्यवस्था दी है कि वसूले गए जुर्माने में से 50 हजार रुपये की रकम को अपील की अवधि गुजरने के बाद मृतक मिथलेश केपरिवारीजन को बतौर क्षतिपूर्ति दे दी जाए।
गंवई राजनीति से ककरहा सीखा मिथलेश ने
गंवई राजनीति से ककरहा सीखने के बाद मिथलेश युवक कांग्रेस से जुड़ा था, जिला स्तर पर रहने के बाद वह युवक कांग्रेस की प्रदेश समिति में सचिव बन गया था, स्वभाव से दबंग मिथलेश अक्सर दोनाली बंदूक लेकर चलता था, लेकिन हमलावरों ने दोनाली बंदूक का इस्तेमाल उसकी ही हत्या में कर दिया।