शहर में बूंद-बूंद पानी को तरस रहे बाहर से आने वाले लोग
लखीमपुर खीरी। गर्मी में मौसम में जल ही जीवन है। कड़ी धूप और गर्मी में प्यास लगने पर पानी की जगह कोई दूसरा पेय पदार्थ नहीं ले सकता लेकिन शहर में तो पानी का ही संकट है। सार्वजनिक स्थलों पर लगे अधिकांश इंडिया मार्का हैंडपंप खराब पड़े है। सरकारी स्तर पर पानी का कोई इंतजाम नहीं है। कुछ स्वयंसेवी संगठनों ने एक दो जगह पर प्याऊ लगवा रखे हैं। यह प्याऊ बाहर से आने वाले हजारों लोगों की प्यास बुझाने के लिए नाकाफी हैं।
जिला मुख्यालय पर कोर्ट कचहरी या बाजार के काम से प्रतिदिन जिले के दूरदराज गांवों और कस्बों से हजारों लोग आते हैं। बस या ट्रेन से उतरने के बाद जैसे ही शहर की धरती पर कदम रखते हैं पानी के संकट से उनका सामना होता है। कड़ी धूप और चिलचिलाती गर्मी में वह अपना गला तर करने के लिए या तो पानी की बोतल या पाउच खरीदें या हैंडपंप तलाश करें। यहां हैंड पर तो रेगिस्तान में मृग मरीचिका का काम करते हैं। इसके बाद उनके पास प्याऊ तलाश करने के सिवा कोई चारा नहीं रहता। वह भी शहर में इक्का दुक्का ही हैं।
शहर में अब तक रोडवेज बस स्टेशन, बेहजम बस स्टेशन और कचहरी रोड पर प्याऊ लगे हैं। यह तीन प्याऊ शहर में बाहर से आने वाले हजारों लोगों की प्यास बुझाने को नाकाफी हैं। इन तीन प्याऊ पर हर समय लगती भीड़ पानी की किल्लत को उजागर करने के लिए काफी हैं। यह तीनों प्याऊ स्वयंसेवी संगठनों द्वारा संचालित हैं। सरकारी स्तर पर गर्मी के दिनों में भी प्यासों को पानी पिलाने का कोई इंतजाम नहीं किया गया है।
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नहीं जागीं स्वयंसेवी संस्थाओं की संवेदनाएं
समाज सेवा के बड़े बड़े दावे करने वाले स्वयंसेवी संगठनों की संवेदनाएं भी इस बार नहीं जागी हैं। यही कारण हैं कि अब तक जिले में मात्र तीन प्याऊ लगे हैं। जितने स्वयंसेवी संगठन और क्लब इस शहर में चल रहे हैं यदि एक एक प्याऊ लगवा दें तो शहर का ऐसा कोई कोना नहीं बचेगा जहां प्याऊ न लगा हो लेकिन इस बार बहुत कम संगठन इस काम के लिए आगे आए हैं। अगले महीने नगर पालिका के चुनाव प्रस्तावित हैं। अध्यक्ष पद के उम्मीदवार ही अगर एक-एक प्याऊ लगा दें तो हजारों लोगों की प्यास बुझ सकती है।
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कहां-कहां जरूरत है प्याऊ की
हीरा लाल धर्मशाला चौराहा, सदर चौराहा, हमदर्द दवाखाने के पास, इमली चौराहा, विलोबी मेमोरियल हाल के सामने, कचेहरी के सामने, कलक्ट्रेट परिसर, दीवानी न्यायालय परिसर, तहसील प्रांगण, मेला मैदान चौराहा, रेलवे स्टेशन के सामने, विकास भवन के सामने और बसंत टाकीज के सामने।