सामूहिक प्रयासों से लिखे 47.24 लाख सीताराम मंत्र
अंतरराष्ट्रीय श्री सीताराम नाम बैंक अयोध्या में खुला खाता
लखीमपुर खीरी। जिला कारागार के बंदी एक नई इबारत लिख रहे हैं। बंदियों में अध्यात्म की अलख जगी है। कारागार में निरुद्ध करीब 200 बंदियों ने सामूहिक प्रयासों से 47,24,352 सीताराम मंत्र लिखे हैं, जिन्हें अयोध्या स्थित अंतरराष्ट्रीय श्री सीताराम नाम बैंक में खाता खुलवाकर जमा कराया गया है।
अभी तक बंदियों के सुधार के लिए कारागार में सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजन किये जाते थे। अब बंदी अध्यात्म की डगर पर चल पड़े हैं, जिसके पीछे जेल अधीक्षक रामकुमार त्रिपाठी के प्रयास काफी हद तक सफल साबित हुए हैं। प्रदेश की जेलों में पहला मामला है, जब खीरी के कारागार के बंदी आध्यात्मिक कार्यों से जुड़े हैं। बंदियों की अध्यात्मिक पूंजी जमा करने के लिए बाकायदा बैंक में खाता खोला गया है। हालांकि इस बैंक में रुपये-पैसे की जगह सिर्फ सीताराम मंत्र ही जमा किए जा सकते हैं। संस्थापक नित्यगोपाल दास जी महाराज द्वारा चलाई जा रही अंतरराष्ट्रीय श्री सीताराम नाम बैंक मणिराम दास सेवा ट्रस्ट छावनी अयोध्या में स्थित है। जेल अधीक्षक रामकुमार त्रिपाठी ने इसे सुधार का कदम बताते हुए कहा कि बैंक मैनेजर पुनीत रामदास द्वारा खीरी के बंदियों द्वारा लिखे गए मंत्रों को खाता संख्या 18833/बी में जमा किया गया है। इन मंत्रों को लिखने में करीब एक माह का समय लगा है।