वैश्य एकता परिषद ने व्यापारी हितों के मद्देनजर लिया फैसला
आगामी चुनाव के लिए सदस्यों से मांगे आवेदन
27 मई को लखनऊ में होगा प्रांतीय सम्मेलन
सिटी रिपोर्टर
लखीमपुर खीरी। व्यापारी हितों को ध्यान में रखकर वैश्य एकता परिषद ने राष्ट्रीय व्यापारी पार्टी का गठन किया है। पार्टी का उद्देश्य विधानसभा, संसद एवं नगर निकाय में अपने प्रतिनिधि पहुंचाकर व्यापारी विरोधी कानूनों पर रोक लगाना है। यह बात वैश्य एकता परिषद के राष्ट्रीय महा सचिव दिलीप गुप्ता ने प्रेसवार्ता में कही।
उन्होंने कहा राष्ट्रीय व्यापारी पार्टी आगामी नगर पालिका और नगर पंचायत चुनाव में अपने प्रत्याशी लड़ाएगी। उन्होंने बताया सभी धर्म एवं जातियों के लोगों से आगामी चुनाव के लिए आवेदन मांगे गए हैं। शहरी क्षेत्र में व्यापारी समुदाय की 50 प्रतिशत से ज्यादा संख्या है अत: इस चुनाव में व्यापारी समाज की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। उन्होंने व्यापारी समाज के उत्पीड़न पर प्रकाश डालते हुए कहा, व्यापारी समुदाय का सर्वाधिक उत्पीड़न सरकारी विभागों की जवाबदेही निर्धारित न होने से होता है। उन्होंने मांग की कि प्रदेश में व्यापारी समाज का गठन हो, सरकारी बैंकों के द्वारा दिए गए छोटे व्यापारियों का पांच लाख तक का ऋण माफ किया जाए। फुटकर बाजार में एफडीआई की अनुमति न दी जाए। वैट के उत्पीड़क कानूनों को समाप्त किया जाए। व्यापारी वृद्घावस्था पेंशन एवं व्यापारी क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की जाए। भ्रष्टाचारी अधिकारियों से निपटने के लिए जिला स्तर पर एलआईयू की तर्ज पर व्यापारी हेल्पलाइन का गठन किया जाए। वैश्य समाज को पिछड़े वर्ग में शामिल किया जाए। एवं वैट के सचल दल के अधिकारियों द्वारा विवेक के अधिकार का प्रयोग करने पर रोंक लगाई जाए। उन्होंने बताया इन बिंदुओं को लेकर 27 मई को लखनऊ रविंद्रालय सभागार में प्रांतीय प्रतिनिधि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया है। जिसमें नव निर्वाचित विधायकों का सम्मान किया जाएगा। इसमें विभिन्न जिलों से आए नगर निकाय के प्रत्याशियों की समीक्षा कर प्रत्याशियों की घोषणा की जाएगी। प्रेसवार्ता में शैलेंद्र श्रीवास्तव, दिलीप जायसवाल, बैजनाथ जायसवाल, सहित तमाम लोग उपस्थित थे।