जिला अस्पताल में लगा शिविर, कई जानकारियां दी गईं
लखीमपुर खीरी। अस्थमा की बीमारी पूरे विश्व में तेजी से बढ़ रही है। विश्व में 6 प्रतिशत लोग इस बीमारी की चपेट में हैं। शहरी क्षेत्रों में इसके ज्यादा रोगी पाए जाते हैं। यह बात जिला चिकित्सालय में आयोजित अस्थमा शिविर के मौके पर चेस्ट फिजीशिन डॉ. एचजी सिंह ने कही।
श्री सिंह ने बताया कि जिला अस्पताल में श्वांस रोग जांच शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें सांस केलगभग 186 मरीज मिले। उन्होंने कहा कि अस्थमा पूरे विश्व में तेजी से बढ़ रहा है। इसमें बार-बार सांस फूलना, खांसी आना और सीने में जकड़न महसूस होती है। इस बीमारी में सांस की नलियों में सिकुड़न आ जाती है। जिससे फेफड़ों में पूरी हवा न तो अंदर जा पाती है और न ही पूरी हवा बाहर निकल पाती है। श्वांस नलियों में सूजन आ जाती है, नलियां बहुत संवेदनशीन हो जाती हैं। उन्होंने बताया कि अस्थमा की बीमारी अनुवांशिक होती है तथा प्राय: यह बचपन से ही शुरू हो जाती है। तरह-तरह के एलर्जन्स अस्थमा को बढ़ाते हैं। यह कारक फूलों के परागकण, फफूंदी, धूल, धुंआ, बदलता मौसम, तीव्र ठंडक और ज्यादा शारीरिक व्यायाम के रूप में होते हैं। उन्होंने कहा कि अस्थमा के इलाज में दो तरह की दवाइयां दी जाती हैं। रिलीवर जो अस्थमा के अटैक में आराम पहुंचाती हैं और प्रिवेंटर जो बीमारी को बढ़ने से रोकती हैं और बीमारी की तीव्रता को धीरे धीरे कम करती हैं। इनमें इनहेल्ड दवाएं चमत्कारिक साबित हुई हैं, इसलिए इनका सेवन लंबे समय तक करना होता है।
उन्होंने कहा कि अस्थमा में इन्हेल्ड दवाएं ही ज्यादा कारगर हैं। इसके साइड इफैक्ट बहुत कम होते हैं। बातचीत के समय सीएमस डॉ. एनके शर्मा, डॉ. केसी वर्मा, डॉ. रामनाथ सहित कई लोग उपस्थित थे।