तहसील प्रशासन ने मौके पर की पड़ताल
परिजनों ने आत्महत्या का कारण कर्ज बताया
फरधान (लखीमपुर खीरी)। जगन्नाथपुर के विनोद सिंह की आत्महत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। घटना के दूसरे दिन हरकत में आए तहसील प्रशासन ने आत्महत्या के कारणों की जांच शुरू कर दी है। हालांकि अधिकारी इसे कर्ज के कारण आत्महत्या मानने को तैयार नहीं, जबकि मृतक के परिजन और ग्रामीण इसे बैंक द्वारा भेजी गई नोटिस के चलते ही आत्महत्या करने की बात कह रहे हैं।
चचेरे भाई विष्णुकांत ने बताया कि विनोद की मां सावित्री देवी को कैंसर है। जबकि दो बरस पहले छोटा भाई राजेंद्र सिंह दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया था। दोनों का इलाज कराते-कराते विनोद दो लाख पांच हजार रुपये का कर्जदार बन गया था। माली हालत खराब होने के कारण वह समय से बैंक का कर्ज अदा नहीं कर पाया। कई बार बैंक से उसके पास नोटिस आईं। बैंक अधिकारियों से उसने अपनी मजबूरी भी बताई, लेकिन इसके बाद भी नोटिस भेजे जाते रहे। नोटिस में लिखा था कि अगर वह कर्ज अदा नहीं करेगा तो आरसी कटने पर उसकी गिरफ्तारी के साथ ही भूमि व चल अचल संपत्ति नीलामी कर दी जाएगी। इन्हीं सब बातों को सोच कर विनोद तनाव में था।
विनोद की बीबी नीतू सिंह का कहना है कि कर्ज अदायगी न कर पाने के कारण उसके पति अक्सर आत्म हत्या की बात कहते थे। तीन-चार दिनों से कुछ ज्यादा ही परेशान थे, खाना भी समय से नहीं खाते थे। मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार राजेश वर्मा ने बताया कि विनोद को बैंक से जो भी नोटिस जारी की गईं, वह बैंक ने नियमानुसार अपने स्तर से की है। किसी भी बैंक अथवा तहसील का कर्मचारी उनके घर रिकवरी के लिए नहीं गया था। उन्होंने हाल में किसी नोटिस के भेजे जाने की बात से भी इंकार किया।
000000000
नोटिस केअनुसार बैंकों का कर्जा
- भूमि विकास बैंक की शाखा बेहजम का 1.23 लाख।
- सहकारी ग्राम विकास बैंक लखनऊ से स्वरोजगार क्रेडिट कार्ड द्वारा बीस हजार रुपये।
- साधन सहकारी समिति शंकरपुर से सत्ताइस हजार रुपये।
- इलाहाबाद बैंक की शाखा फरधान से 20 हजार रुपये किसान क्रेडिट कार्ड द्वारा कर्ज लिया।
00000
सपा महासचिव ने ढांढस बंधाया
फरधान। सपा के राष्ट्रीय महासचिव रवि प्रकाश ने मृतक की पत्नी नीतू सिंह को ढांढस बंधाया और मुख्यमंत्री राहत कोष से अर्थिक सहायत दिलाने, बच्चों की पढ़ाई व विधवा पेंशन दिलाने का आश्वासन दिया।