लखीमपुर खीरी। नगर पालिका बिना किसी पार्किंग के पार्किंग शुल्क की वसूली कर रही है, तो कुछ प्राइवेट नर्सिंग होम ने सड़क को ही पार्किंग स्थल बना डाला। यही नहीं शहर के एक नर्सिंग होम के मालिक इसके लिए बाकायदा पार्किंग शुल्क भी वसूल करा रहे हैं।
जी हां यह शहर के बाहर नहीं बल्कि नगर पालिका की नाक के नीचे यह सब हो रहा है। मुहल्ला हिदायत नगर में स्थित लाइफ लाइन नर्सिंग होम बिल्कुल सड़क किनारे बना हुआ है। पार्किंग की यहां कोई जगह नही है। यहां आने वाले मरीज और उनके तीमारदार फुटपाथ पर अपनी गाड़ियां खड़ करती हैं। नर्सिंग होम ने पार्किंग शुल्क वसूली के लिए बाकायदा एक ठेकेदार तैनात कर रखा है।
जैसे ही कोई यहां अपनी मोटर सायकिल खड़ करता है ठेकेदार तुरंत उसे टोकेन पकड़ कर मोटर सायकिल खड़ करने के लिए पांच रुपये की मांग करता है। पैसा देने से इनकार करने पर ठेके दार वहां वाहन खड़ नहीं करने देता। इसको लेकर आए दिन ठेकेदार की मरीजों के तीमारदारों के साथ नोकझोंक होती रहती है।
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किसी नसिंग होम के पास नहीं है पार्किंग
शहर में करीब एक दर्जन नर्सिंग होम हैं। किसी भी नर्सिंग होम ने पार्किंग नहीं बना रखी हैं। सभी जगह लोगों को सड़क के किनारे या फुटपाथ पर गाड़ियां खड़ करनी पड़ती हैं। अक्सर बाइक चोरी की घटनाएं नर्सिंग होम के सामने से होती हैं।
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वाहन की सुरक्षा के लिए वसूलते हैं पैसे
नर्सिंग होम के सामने से बाइक चोरी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए हमने सुरक्षा के लिए एक पार्किंग का ठेका दे रखा है। ठेकेदार के कर्मचारी वाहनों की सुरक्षा करता है इसलिए वह पार्किंग शुल्क भी वसूलता है। इसमें गलत क्या है।
डॉ. महताब, संचालक, लाइफ लाइन नर्सिंग होम
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किसी भी प्राइवेट संस्थान को पार्किंग शुल्क वसूलने का अधिकार नहीं है। अगर कोई ऐसा करता है तो गलत है। मामले की जांच कराई जाएगी और अगर कोई प्राइवेट संस्थान पार्किंग के नाम पर वसूली करता पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
वीके झा, अधिशाषी अधिकारी, नगर पालिका, लखीमपुर
लखीमपुर खीरी। नगर पालिका बिना किसी पार्किंग के पार्किंग शुल्क की वसूली कर रही है, तो कुछ प्राइवेट नर्सिंग होम ने सड़क को ही पार्किंग स्थल बना डाला। यही नहीं शहर के एक नर्सिंग होम के मालिक इसके लिए बाकायदा पार्किंग शुल्क भी वसूल करा रहे हैं।
जी हां यह शहर के बाहर नहीं बल्कि नगर पालिका की नाक के नीचे यह सब हो रहा है। मुहल्ला हिदायत नगर में स्थित लाइफ लाइन नर्सिंग होम बिल्कुल सड़क किनारे बना हुआ है। पार्किंग की यहां कोई जगह नही है। यहां आने वाले मरीज और उनके तीमारदार फुटपाथ पर अपनी गाड़ियां खड़ करती हैं। नर्सिंग होम ने पार्किंग शुल्क वसूली के लिए बाकायदा एक ठेकेदार तैनात कर रखा है।
जैसे ही कोई यहां अपनी मोटर सायकिल खड़ करता है ठेकेदार तुरंत उसे टोकेन पकड़ कर मोटर सायकिल खड़ करने के लिए पांच रुपये की मांग करता है। पैसा देने से इनकार करने पर ठेके दार वहां वाहन खड़ नहीं करने देता। इसको लेकर आए दिन ठेकेदार की मरीजों के तीमारदारों के साथ नोकझोंक होती रहती है।
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किसी नसिंग होम के पास नहीं है पार्किंग
शहर में करीब एक दर्जन नर्सिंग होम हैं। किसी भी नर्सिंग होम ने पार्किंग नहीं बना रखी हैं। सभी जगह लोगों को सड़क के किनारे या फुटपाथ पर गाड़ियां खड़ करनी पड़ती हैं। अक्सर बाइक चोरी की घटनाएं नर्सिंग होम के सामने से होती हैं।
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वाहन की सुरक्षा के लिए वसूलते हैं पैसे
नर्सिंग होम के सामने से बाइक चोरी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए हमने सुरक्षा के लिए एक पार्किंग का ठेका दे रखा है। ठेकेदार के कर्मचारी वाहनों की सुरक्षा करता है इसलिए वह पार्किंग शुल्क भी वसूलता है। इसमें गलत क्या है।
डॉ. महताब, संचालक, लाइफ लाइन नर्सिंग होम
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किसी भी प्राइवेट संस्थान को पार्किंग शुल्क वसूलने का अधिकार नहीं है। अगर कोई ऐसा करता है तो गलत है। मामले की जांच कराई जाएगी और अगर कोई प्राइवेट संस्थान पार्किंग के नाम पर वसूली करता पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
वीके झा, अधिशाषी अधिकारी, नगर पालिका, लखीमपुर