बजबजाती नालियां, कूड़े के ढेर और जलभराव बना शहर की पहचान
नियमित सफाई न होने से संक्रामक रोग फैलने का खतरा बढ़ा
बरसात के दिनों में मोहल्लोें की हालत और खराब हो जाती है
लखीमपुर खीरी। मोहल्लों में बजबजाती नालियां, सड़क किनारे जगह-जगह कूड़ा और जलभराव शहर की पहचान बनता जा रहा है। गलियों से लेकर सार्वजनिक स्थानों तक कई दिनों तक गंदगी के ढेर पड़े रहते हैं। कूड़े का नियमित उठान तथा नालियों की नियमित सफाई न होने से संक्रामक रोग फैलने का खतरा बढ़ गया है।
शहर में कुछ दिनों से गंदगी और जल भराव एक आम समस्या है। कूड़ा डालने के लिए डलाव घर तो बने हैं, लेकिन कई-कई दिनों तक यहां से कूड़ा नहीं उठाया जाता। यह कूड़ा बिखरकर सड़कों पर आ जाता है, जो संक्रमण का कारण बनता है। शहर के बाहरी हिस्सों के मोहल्लों में स्थिति और खराब है। इनमें गंगोत्री कालोनी, हाथीपुर, ईदगाह, शिवकालोनी, गोटैया बाग, प्यारेपूर और नौरंगाबाद जैसे मोहल्ला प्रमुख हैं। बरसात में इन मोहल्लोें की हालत और खराब हो जाती है। वहां सफाई कर्मी जाते ही नहीं। जिससे नियमित सफाई कार्य नहीं हो पाता और नालियों में गंदा पानी सड़ा करता है। इससे मोहल्लों में संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है।
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क्या हो सकती हैं बीमरियां
शहर में गंदगी से डायरिया, वायरल, हेपेटाइटिस, तथा टाईफाइड जैसी बीमारियां फैल सकती हैं। इसके अलावा मोहल्लों में जलभराव के चलते मच्छर बढ़ने के अवसर बन जाते हैं। इससे मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। मैने सफाई व्यवस्था की बात डीएम की बैठक में भी उठाई थी। इसके अलावा नगर पालिका को भी पत्र लिखा गया है।
डा. हर्ष शर्मा, जिला संक्रामक रोग अधिकारी
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बदहाल है सफाई व्यवस्था
शहर की सफाई व्यवस्था की स्थिति बदतर है। जब मैं नगर पालिका अध्यक्ष था तो सबसे अधिक ध्यान शहर की सफाई व्यवस्था पर देता था। मैं स्वयं सफाई व्यवस्था की मानीटरिंग करता था। वार्डों में अचानक जाकर वहां की सफाई व्यवस्था देखता था। जिस वार्ड की सफाई व्यवस्था खराब मिलती थी उस वार्ड के जिम्मेदार सफाई कर्मियों केविरुद्ध कार्रवाई की भी गई। इस समय यह स्थिति इसलिए है, क्योंकि कोई मानीटरिंग नहीं की जा रही। इसके लिए सेनेटरी इंस्पेक्टर हैं, नगर पालिका केअधिशाषी अधिकारी हैं। उन्हें नियमित निरीक्षण करना चाहिए।
ज्ञानप्रकाश वाजपेई, निवर्तमान चेयरमैन नगरपालिका
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जल्द दुरुस्त होगी सफाई व्यवस्था
शहर में कूड़ा निस्तारण के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोग्राम के तहत प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है। इसे बनाकर स्टेट कमेटी के सामने रखा जाएगा तथा स्वीकृत कराया जाएगा। इसके लिए भूमि तलाशी जा रही है। शहर में जल निकास के लिए नालों का निर्माण कराया जा रहा है। इसलिए मोहल्लों का पानी बांधना पड़ता है। गंदगी भी उठवाई जा रही है लेकिन पूरे शहर का काम एक साथ चल रहा है। जल निकासी को लेकर इतना बड़ा प्रयास पहली बार किया जा रहा है। थोड़ा समय तो लगता ही है। नालों का निर्माण कार्य पूरा हो जाने पर पूरे शहर की जलभराव समस्या समाप्त हो जाएगी और सफाई व्यवस्था भी पूरी तरह से दुरुस्त होगी।
वीके झा, अधिशाषी अधिकारी नगरपालिका