लखीमपुर खीरी। शहर में जगह-जगह सड़कों के किनारे और आबादी के बीच बिक रहा खुला मांस खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग को मुंह चिढ़ा रहा है। कच्चे मांस पर भिनभिनाती मक्खियां और सड़कों के किनारे पड़े अवशेष सड़ते हुए बदबू फैलाते हैं। वहीं इस प्रदूषित मांस के खाने से लोगों में बीमारियां भी फैल रहीं हैं।
शहर में कई जगह सड़कों के किनारे और आबादी के अंदर लकड़ी के खोखाें और जमीन पर खुले आम मांस बेचने का काम किया जा रहा है। मांस बेचने वाले लोग सड़कों पर मांस बेचते ही नहीं पशुओं को काटते भी हैं। मांस बेचने वाले बीमार पशुओं को भी काट देते हैं। सड़कों पर पशुओं को काट कर उनके अवशेष वहीं पास में डाल देते हैं, जिससे सड़ने पर वे बीमरियां फैलाते हैं। कच्चे मांस पर मक्खियां भिनभिनाती रहती हैं, वहीं पास की गंदगी भी हवा के साथ उड़कर आती रहती है। इससे लोगों में बीमारियां फैलने की आशंका रहती है। नियम तो यह है कि पशुओं को काटने से पूर्व पशु चिकित्सा अधिकारी से इस बात का प्रमाण पत्र लेना चाहिए कि पशु स्वस्थ है। पशुओं को स्लाटर हाउस में काटना चाहिए। मांस बेचने के लिए कम से कम 12 फिट गहरी और 10 फिट चौड़ी दुकान होनी चाहिए तथा मांस विक्रेता के पास इसका लाइसेंस होना चाहिए। मांस ढककर रखा जाना चाहिए, जिससे मक्खियां न पहुंच पाएं। शहर में निघासन रोड ढाल पर एक स्लाटर हाउस है, लेकिन यहां पशु नहीं काटे जाते। खास बात यह है कि जिले में एक भी मांस विक्रेता के पास लाइसेंस नहीं है, लेकिन खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग कान में उंगली डाल बैठा है।
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क्या हो सकती हैं बीमारियां
खुला प्रदूषित और बीमार पशुओं के मांस से संक्रमण होने का खतरा रहता है। इस तरह का मांस खाने से डिसेंट्री, डायरिया, कालरा, टायफाइड, ज्वांडिस और हेपेटाइटिस जैसी बीमारियां तथा पेट में संक्रमण होने का खतरा रहता है। इस तरह का खुला मांस संक्रामक बीमारियां भी बढ़ाता है।
-हर्ष शर्मा, जिला संक्रामक रोग अधिकारी
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तेइस के बाद चलेगा अभियान
खुली मांस की दुकानें चलाना अवैध है जो लोग छोटे जानवर काटते हैं उन्हें खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन से लाइसेंस लेना चाहिए। इस समय दुग्ध उत्पादों की जांच को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। 23 मई तक यह अभियान चलेगा इसके बाद खुली मांस की दुकानों को लेकर अभियान चलाया जाएगा।
-शैलेंद्र सिंह, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी
लखीमपुर खीरी। शहर में जगह-जगह सड़कों के किनारे और आबादी के बीच बिक रहा खुला मांस खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग को मुंह चिढ़ा रहा है। कच्चे मांस पर भिनभिनाती मक्खियां और सड़कों के किनारे पड़े अवशेष सड़ते हुए बदबू फैलाते हैं। वहीं इस प्रदूषित मांस के खाने से लोगों में बीमारियां भी फैल रहीं हैं।
शहर में कई जगह सड़कों के किनारे और आबादी के अंदर लकड़ी के खोखाें और जमीन पर खुले आम मांस बेचने का काम किया जा रहा है। मांस बेचने वाले लोग सड़कों पर मांस बेचते ही नहीं पशुओं को काटते भी हैं। मांस बेचने वाले बीमार पशुओं को भी काट देते हैं। सड़कों पर पशुओं को काट कर उनके अवशेष वहीं पास में डाल देते हैं, जिससे सड़ने पर वे बीमरियां फैलाते हैं। कच्चे मांस पर मक्खियां भिनभिनाती रहती हैं, वहीं पास की गंदगी भी हवा के साथ उड़कर आती रहती है। इससे लोगों में बीमारियां फैलने की आशंका रहती है। नियम तो यह है कि पशुओं को काटने से पूर्व पशु चिकित्सा अधिकारी से इस बात का प्रमाण पत्र लेना चाहिए कि पशु स्वस्थ है। पशुओं को स्लाटर हाउस में काटना चाहिए। मांस बेचने के लिए कम से कम 12 फिट गहरी और 10 फिट चौड़ी दुकान होनी चाहिए तथा मांस विक्रेता के पास इसका लाइसेंस होना चाहिए। मांस ढककर रखा जाना चाहिए, जिससे मक्खियां न पहुंच पाएं। शहर में निघासन रोड ढाल पर एक स्लाटर हाउस है, लेकिन यहां पशु नहीं काटे जाते। खास बात यह है कि जिले में एक भी मांस विक्रेता के पास लाइसेंस नहीं है, लेकिन खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग कान में उंगली डाल बैठा है।
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क्या हो सकती हैं बीमारियां
खुला प्रदूषित और बीमार पशुओं के मांस से संक्रमण होने का खतरा रहता है। इस तरह का मांस खाने से डिसेंट्री, डायरिया, कालरा, टायफाइड, ज्वांडिस और हेपेटाइटिस जैसी बीमारियां तथा पेट में संक्रमण होने का खतरा रहता है। इस तरह का खुला मांस संक्रामक बीमारियां भी बढ़ाता है।
-हर्ष शर्मा, जिला संक्रामक रोग अधिकारी
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तेइस के बाद चलेगा अभियान
खुली मांस की दुकानें चलाना अवैध है जो लोग छोटे जानवर काटते हैं उन्हें खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन से लाइसेंस लेना चाहिए। इस समय दुग्ध उत्पादों की जांच को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। 23 मई तक यह अभियान चलेगा इसके बाद खुली मांस की दुकानों को लेकर अभियान चलाया जाएगा।
-शैलेंद्र सिंह, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी