लखीमपुर खीरी। वन विभाग की जमीन पर पैदा किए जा रहे गन्ने की आपूर्ति चीनी मिल में कराने के लिए हाईकोर्ट ने किसानों के पक्ष में फैसला दिया है, लेकिन किसानों को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। डीसीओ ने इस फैसले के खिलाफ कोर्ट में काउंटर दाखिल करने की बात कही है। साथ ही किसानों के लिए कहा है कि अपने नाम की खतौनी लाएंगे, तभी सट्टा चालू हो पाएगा।
पड़ोसी जिला पीलीभीत के हजारा क्षेत्र के गांव बमनपुरी, भागीरथ, टाटरगंज और टिल्ला नंबर चार में बसे करीब 1400 किसानों के सट्टे संपूर्णानगर चीनी मिल ने बंद कर दिए थे, जिसके खिलाफ किसानों ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। वहीं दुधवा टाइगर रिजर्व बफर जोन की जमीन का दावा करते हुए उपनिदेशक डॉ. अनिल कुमार पटेल ने डीएम के माध्यम से खीरी और पीलीभीत के जिला गन्ना अधिकारियों को अतिक्रमण की भूमि पर बोए गए गन्ने का सट्टा न बनाने और उसकी खरीद न करने का आग्रह किया था। इस पर डीसीओ ने अतिक्रमण की भूमि पर बोए गए गन्ने के सट्टे बंद कर दिए थे। महीनों चली सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने किसानों के हक में फैसला देते हुए गन्ना सप्लाई लेने के निर्देश गन्ना आयुक्त समेत डीसीओ को दिए हैं। डीसीओ ब्रजेश कुमार पटेल ने बताया है कि कोर्ट के फैसले में काउंटर दाखिल कर आपत्ति दर्ज कराएंगे। उन्होंने शासनादेश का हवाला देते हुए कहा कि यदि किसान अपने नाम की खतौनी लाते हैं, तभी उनका सट्टा चालू किया जा सकता है।
लखीमपुर खीरी। वन विभाग की जमीन पर पैदा किए जा रहे गन्ने की आपूर्ति चीनी मिल में कराने के लिए हाईकोर्ट ने किसानों के पक्ष में फैसला दिया है, लेकिन किसानों को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। डीसीओ ने इस फैसले के खिलाफ कोर्ट में काउंटर दाखिल करने की बात कही है। साथ ही किसानों के लिए कहा है कि अपने नाम की खतौनी लाएंगे, तभी सट्टा चालू हो पाएगा।
पड़ोसी जिला पीलीभीत के हजारा क्षेत्र के गांव बमनपुरी, भागीरथ, टाटरगंज और टिल्ला नंबर चार में बसे करीब 1400 किसानों के सट्टे संपूर्णानगर चीनी मिल ने बंद कर दिए थे, जिसके खिलाफ किसानों ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। वहीं दुधवा टाइगर रिजर्व बफर जोन की जमीन का दावा करते हुए उपनिदेशक डॉ. अनिल कुमार पटेल ने डीएम के माध्यम से खीरी और पीलीभीत के जिला गन्ना अधिकारियों को अतिक्रमण की भूमि पर बोए गए गन्ने का सट्टा न बनाने और उसकी खरीद न करने का आग्रह किया था। इस पर डीसीओ ने अतिक्रमण की भूमि पर बोए गए गन्ने के सट्टे बंद कर दिए थे। महीनों चली सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने किसानों के हक में फैसला देते हुए गन्ना सप्लाई लेने के निर्देश गन्ना आयुक्त समेत डीसीओ को दिए हैं। डीसीओ ब्रजेश कुमार पटेल ने बताया है कि कोर्ट के फैसले में काउंटर दाखिल कर आपत्ति दर्ज कराएंगे। उन्होंने शासनादेश का हवाला देते हुए कहा कि यदि किसान अपने नाम की खतौनी लाते हैं, तभी उनका सट्टा चालू किया जा सकता है।