पडरौना। जिंदगी का दर्द लेके इंकलाब आया तो क्या, हमको जब नींद आई फिर माहताब आया तो क्या...। किसी शायर की ये लाइनें कुशीनगर के गरीबों पर एकदम सटीक बैठ रही हैं। हाड़ कंपाने वाली ठंड है लेकिन प्रशासन अभी तक गरीबों के कंबल की व्यवस्था नहीं कर सका है।
आपदा प्रबंधन विभाग से हर वर्ष कंबल की खरीद कर जिला प्रशासन गरीबों में बांटता है। विभागीय सूत्रों के अनुसार आपदा प्रबंधन के मद से मिलने वाले धन से प्रशासन कंबल की खरीद करता है। कुशीनगर जनपद में इस साल 20 लाख रुपये की कंबल खरीद होनी है। दिसंबर बीतने को है पर प्रशासन अभी तक एक भी सरकारी कंबल नहीं बांट सका है। नवंबर माह से ही कंबल वितरण शुरू हो जाना चाहिए। उधर, पिछले एक पखवारे से जनपद में शीतलहर जारी है। तापमान लगातार गिर रहा है।
पडरौना। जिंदगी का दर्द लेके इंकलाब आया तो क्या, हमको जब नींद आई फिर माहताब आया तो क्या...। किसी शायर की ये लाइनें कुशीनगर के गरीबों पर एकदम सटीक बैठ रही हैं। हाड़ कंपाने वाली ठंड है लेकिन प्रशासन अभी तक गरीबों के कंबल की व्यवस्था नहीं कर सका है।
आपदा प्रबंधन विभाग से हर वर्ष कंबल की खरीद कर जिला प्रशासन गरीबों में बांटता है। विभागीय सूत्रों के अनुसार आपदा प्रबंधन के मद से मिलने वाले धन से प्रशासन कंबल की खरीद करता है। कुशीनगर जनपद में इस साल 20 लाख रुपये की कंबल खरीद होनी है। दिसंबर बीतने को है पर प्रशासन अभी तक एक भी सरकारी कंबल नहीं बांट सका है। नवंबर माह से ही कंबल वितरण शुरू हो जाना चाहिए। उधर, पिछले एक पखवारे से जनपद में शीतलहर जारी है। तापमान लगातार गिर रहा है।