चरवा कोतवाली इलाके से 10 साल पहले किशोरी को अगवा करने के मामले में नामजद महिला समेत तीन लोगों को अदालत ने दोषी करार दिया। अदालत ने तीनों को छह साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने तीनों पर 30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। मुख्य अभियुक्त नाबालिग होने के कारण उसका मामला किशोर न्याय बोर्ड में विचाराधीन है, जबकि एक आरोपी की मौत हो चुकी है।
अभियोजन के मुताबिक चरवा कोतवाली इलाके के एक गांव में रहने वाली किशोरी 26 जून 2011 को अपनी छोटी बहन व चाची के साथ गांव के बाहर शौच के लिए जा रही थी।
इस दौरान रास्ते में उमेश पुत्र नत्थू, गुड्डू उर्फ ज्ञान बाबू पुत्र राम सुमेर, महेश पुत्र राम सुमेर, ननभैया पुत्र बेनी प्रसाद और गांव की शिवपति पत्नी संगम पासी उसे बहला-फुसलाकर अगवा कर ले गए। इसके बाद तीन जुलाई 2011 को किशोरी बरामद हुई। जांच के बाद चरवा कोतवाली पुलिस ने घटना में नामजद आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की।
जबकि किशोरी को अगवा करने का मुख्य आरोपी नाबालिग था, इसी कारण उसका मामला किशोर न्याय बोर्ड को भेज दिया गया। उसका मामला किशोर न्याय बोर्ड में विचाराधीन है। इसके अलावा मुकदमे आरोपी गुड्डू उर्फ ज्ञान बाबू की मौत हो चुकी है। मामला अपर जिला जज मिथिलेश तिवारी की अदालत में विचाराधीन था।
मंगलवार को अभियोजन की ओर से पैरवी करते हुए विशेष लोक अभियोजक शशांक खरे ने नौ गवाहों को प्रस्तुत कर आरोपियों को सख्त सजा देने की मांग की। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद महेश, ननभैया व शिवपति को छह-छह साल कारावास व 30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अदालत के फैसले के बाद पुलिस ने तीनों दोषियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
चरवा कोतवाली इलाके से 10 साल पहले किशोरी को अगवा करने के मामले में नामजद महिला समेत तीन लोगों को अदालत ने दोषी करार दिया। अदालत ने तीनों को छह साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने तीनों पर 30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। मुख्य अभियुक्त नाबालिग होने के कारण उसका मामला किशोर न्याय बोर्ड में विचाराधीन है, जबकि एक आरोपी की मौत हो चुकी है।
अभियोजन के मुताबिक चरवा कोतवाली इलाके के एक गांव में रहने वाली किशोरी 26 जून 2011 को अपनी छोटी बहन व चाची के साथ गांव के बाहर शौच के लिए जा रही थी।
इस दौरान रास्ते में उमेश पुत्र नत्थू, गुड्डू उर्फ ज्ञान बाबू पुत्र राम सुमेर, महेश पुत्र राम सुमेर, ननभैया पुत्र बेनी प्रसाद और गांव की शिवपति पत्नी संगम पासी उसे बहला-फुसलाकर अगवा कर ले गए। इसके बाद तीन जुलाई 2011 को किशोरी बरामद हुई। जांच के बाद चरवा कोतवाली पुलिस ने घटना में नामजद आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की।
जबकि किशोरी को अगवा करने का मुख्य आरोपी नाबालिग था, इसी कारण उसका मामला किशोर न्याय बोर्ड को भेज दिया गया। उसका मामला किशोर न्याय बोर्ड में विचाराधीन है। इसके अलावा मुकदमे आरोपी गुड्डू उर्फ ज्ञान बाबू की मौत हो चुकी है। मामला अपर जिला जज मिथिलेश तिवारी की अदालत में विचाराधीन था।
मंगलवार को अभियोजन की ओर से पैरवी करते हुए विशेष लोक अभियोजक शशांक खरे ने नौ गवाहों को प्रस्तुत कर आरोपियों को सख्त सजा देने की मांग की। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद महेश, ननभैया व शिवपति को छह-छह साल कारावास व 30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अदालत के फैसले के बाद पुलिस ने तीनों दोषियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।