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मंझनपुर। बिजली की अंधाधुंध कटौती से उपभोक्ता परेशान हैं। रविवार को ही मंझनपुर में दिनभर बिजली गुल रही। विभागीय अफसर पनकी कानपुर से आपात कटौती बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं। लोगों का कहना है कि उच्चाधिकारियों की मनमानी के कारण दिक्कतें हो रही हैं। फाल्ट ठीक कराने के लिए उपकेंद्रों में कर्मचारी ही नहीं हैं। इसके कारण मामूली गड़बड़ी पर घंटों और गांवों में कई-कई दिन बिजली की आपूर्ति बंद रहती है।
मंझनपुर में रविवार की भोर पांच बजे से करीब 12 घंटे तक बिजली गुल रही। अवर अभियंता मगन सिंह का कहना है कि पनकी कंट्रोल रूम से ही कटौती की गई थी। किस कारण से यह कटौती हुई थी? इसकी वह कोई जानकारी नहीं दे सके वहीं। लोगों का कहना है कि जिले के ज्यादातर बिजली उपकेंद्र जर्जर मशीनों और कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे हैं। आए दिन तकनीकी खराबियां होती रहती हैं। वहीं सृजित पदों के सापेक्ष कर्मचारियों की तैनाती भी नाममात्र है। इससे लोकल फाल्ट ठीक होने में भी कई दिन लग जाते हैं। सरायअकिल उपकेंद्र में ही देखें तो एसएसओ के चार, लाइनमैन और स्केल कुली के 12-12, पेट्रोलमैन के छह और कैशियर का एक पद सृजित है, लेकिन ज्यादातर तकनीकी पद खाली हैं। मंझनपुर उपकेंद्र में एक एसएसओ के अलावा ज्यादातर पद रिक्त पड़े हैं। मामले में अधिशासी अभियंता जीवन प्रकाश का कहना है कि कर्मचारियों की तैनाती के लिए कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा जा चुका है। प्रयास किया जा रहा है कि खाली पदों को जल्द भर दिया जाए।
मंझनपुर। बिजली की अंधाधुंध कटौती से उपभोक्ता परेशान हैं। रविवार को ही मंझनपुर में दिनभर बिजली गुल रही। विभागीय अफसर पनकी कानपुर से आपात कटौती बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं। लोगों का कहना है कि उच्चाधिकारियों की मनमानी के कारण दिक्कतें हो रही हैं। फाल्ट ठीक कराने के लिए उपकेंद्रों में कर्मचारी ही नहीं हैं। इसके कारण मामूली गड़बड़ी पर घंटों और गांवों में कई-कई दिन बिजली की आपूर्ति बंद रहती है।
मंझनपुर में रविवार की भोर पांच बजे से करीब 12 घंटे तक बिजली गुल रही। अवर अभियंता मगन सिंह का कहना है कि पनकी कंट्रोल रूम से ही कटौती की गई थी। किस कारण से यह कटौती हुई थी? इसकी वह कोई जानकारी नहीं दे सके वहीं। लोगों का कहना है कि जिले के ज्यादातर बिजली उपकेंद्र जर्जर मशीनों और कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे हैं। आए दिन तकनीकी खराबियां होती रहती हैं। वहीं सृजित पदों के सापेक्ष कर्मचारियों की तैनाती भी नाममात्र है। इससे लोकल फाल्ट ठीक होने में भी कई दिन लग जाते हैं। सरायअकिल उपकेंद्र में ही देखें तो एसएसओ के चार, लाइनमैन और स्केल कुली के 12-12, पेट्रोलमैन के छह और कैशियर का एक पद सृजित है, लेकिन ज्यादातर तकनीकी पद खाली हैं। मंझनपुर उपकेंद्र में एक एसएसओ के अलावा ज्यादातर पद रिक्त पड़े हैं। मामले में अधिशासी अभियंता जीवन प्रकाश का कहना है कि कर्मचारियों की तैनाती के लिए कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा जा चुका है। प्रयास किया जा रहा है कि खाली पदों को जल्द भर दिया जाए।